Friday, June 20, 2025
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उत्तराखंड के किसानों के लिए सरकार ने दी डिजिटल क्रांति की सौगात

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की कृषि व्यवस्था को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए चार महत्वाकांक्षी कृषि नीतियों का शुभारंभ किया। इनमें कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट नीति, सेब तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना और मिलेट मिशन शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल्द ही राज्य में फ्लावर और हनी पॉलिसी भी लागू की जाएगी। इन नीतियों का उद्देश्य पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कृषि और रोजगार को बढ़ावा देना, साथ ही पलायन जैसी समस्या पर अंकुश लगाना है।

ई-रूपी: किसानों के लिए डिजिटल क्रांति

मुख्यमंत्री ने ई-रूपी प्रणाली को किसानों के लिए एक अभिनव पहल बताया। यह पारदर्शी, तेज और बिचौलिया-मुक्त डिजिटल भुगतान का माध्यम बनेगी। पायलट प्रोजेक्ट्स के तहत किसानों को मिलने वाली राशि ई-वाउचर के रूप में उनके मोबाइल पर एसएमएस या क्यूआर कोड के जरिए भेजी जाएगी। इससे किसान अधिकृत केंद्रों या विक्रेताओं से खाद, बीज, दवाएं आदि खरीद सकेंगे।

गांव-गांव में प्रशिक्षण

ई-रूपी प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव-गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को जागरूक किया जाए। इससे किसान इस तकनीक का अधिकतम लाभ उठा सकेंगे।

सेब बागवानी और मिलेट उत्पादन को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नीतियां राज्य की कृषि विविधता को बढ़ाएंगी और किसानों की आय में वृद्धि करेंगी। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2030-31 तक 5 हजार हेक्टेयर में अति सघन बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 144.55 करोड़ रुपये की योजना शुरू की गई है, जिसमें सीए स्टोरेज और सॉर्टिंग-ग्रेडिंग इकाइयों के लिए 50-70% तक सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही, मिलेट नीति के तहत 2030-31 तक 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने के लिए 134.89 करोड़ रुपये की योजना लॉन्च की गई है।

कीवी नीति की खास बातें

  • कुल लागत: 894 करोड़ रुपये

  • लक्ष्य: 6 वर्षों में 3500 हेक्टेयर भूमि पर कीवी उत्पादन

  • उत्पादन: 14 हजार मीट्रिक टन वार्षिक कीवी उत्पादन

  • लाभार्थी: 9 हजार किसानों को प्रत्यक्ष लाभ

ड्रैगन फ्रूट नीति की खास बातें

  • कुल लागत: 15 करोड़ रुपये

  • क्षेत्र: 228 एकड़ भूमि पर ड्रैगन फ्रूट उत्पादन

  • उत्पादन: 350 मीट्रिक टन

  • लाभार्थी: छोटे और मध्यम किसान

सेब तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना

  • कुल लागत: 144.55 करोड़ रुपये

  • क्षेत्र: 5 हजार हेक्टेयर में अति सघन बागवानी

  • सुविधाएं: 22 सीए स्टोरेज और सॉर्टिंग-ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना

  • सब्सिडी: व्यक्तिगत किसानों को 50% और कृषक समूहों को 70% अनुदान

मिलेट नीति

  • कुल लागत: 135 करोड़ रुपये

  • क्षेत्र: 68 ब्लॉकों में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मिलेट उत्पादन

  • प्रोत्साहन: पंक्ति बुआई पर 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर, अन्य विधियों पर 2000 रुपये

  • अतिरिक्त लाभ: खरीद पर 300 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और अग्रणी कृषि राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। ये नीतियां न केवल किसानों की आय बढ़ाएंगी, बल्कि पलायन को रोकने और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

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