रुड़की: उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने गंगनहर के किनारे बसाई जा रही अवैध कॉलोनियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। विभाग ने इन कॉलोनियों को एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) देने से साफ इन्कार कर दिया है। साथ ही, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर इन कॉलोनियों को ध्वस्त करने का अनुरोध किया है।
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुज बंसल ने पत्र में बताया कि कांवड़ पटरी मार्ग पर गंगनहर के किनारे पथरी पुल से तिरछे पुल तक कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। यह क्षेत्र नहर किनारे ‘नो कंस्ट्रक्शन जोन’ घोषित है, जहां किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि कॉलोनाइजर द्वारा यूपी सिंचाई विभाग की जमीन पर रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो नियमों का उल्लंघन है।
विभाग ने एचआरडीए से मांग की है कि बिना उनकी एनओसी के किसी भी नक्शे को मंजूरी न दी जाए और अवैध कॉलोनियों को तत्काल ध्वस्त किया जाए।
एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बैठक में बुलाया जाएगा। प्रकरण की पूरी जानकारी लेने के बाद ही नक्शा पास करने के लिए एनओसी की अनिवार्यता पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई यूपी सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर रहा है, तो विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
यह कदम गंगनहर के आसपास अवैध निर्माण को रोकने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।