Friday, November 14, 2025
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बाहरी राज्यों से आए लोगों का डिजिटल तकनीक से होगा सत्यापन

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रहे डेमोग्राफिक परिवर्तन एक गंभीर समस्या बनते जा रहे हैं। इसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बाहरी राज्यों से आए लोगों के सत्यापन को और प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग को एक विशेष ऐप तैयार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सत्यापन प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री धामी ने देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित रखने के लिए सत्यापन प्रक्रिया को और सख्त करने पर जोर दिया है। बाहरी राज्यों से आने वाले लोग अक्सर सत्यापन प्रक्रिया में कोताही बरतते हैं और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज तैयार कर लेते हैं। इससे उत्तराखंड की डेमोग्राफी पर गहरा असर पड़ रहा है। इस समस्या को हल करने के लिए सीएम धामी ने गृह सचिव शैलेश बगोली को निर्देश दिए हैं कि सत्यापन प्रक्रिया को कड़ा किया जाए और इसके लिए एक डिजिटल ऐप विकसित किया जाए।

मैदानी जिलों में पुलिस की व्यस्तता के कारण सत्यापन का काम अक्सर अभियानों तक ही सीमित रहता है। जब अभियान शुरू होता है, तो कई लोग पकड़े जाते हैं, लेकिन समय के साथ यह गति धीमी पड़ जाती है। हाल ही में देहरादून और हरिद्वार में चलाए गए सत्यापन अभियानों के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी का मामला भी सामने आया था। इस कमी को दूर करने के लिए गृह विभाग ने पुलिस प्रशासन को एक ऐसा ऐप तैयार करने का निर्देश दिया है, जो सत्यापन प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाए।

इस ऐप को पुलिस और शासन के आईटी विभाग मिलकर विकसित कर रहे हैं, ताकि बाहरी लोगों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया जा सके। अभी तक सत्यापन का कोई केंद्रीकृत रिकॉर्ड नहीं रखा जाता, और यह प्रक्रिया थानों व चौकियों में रजिस्टर तक सीमित रहती है। अब पुलिस मुख्यालय ने इन रजिस्टरों की जानकारी मंगवाना शुरू कर दिया है। संभावना है कि अक्टूबर के अंत तक यह ऐप तैयार हो जाएगा। इसके बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाकर बाहरी लोगों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “राज्य सरकार देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की प्रवृत्ति जानने के लिए सत्यापन अनिवार्य है। इस प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने के लिए गृह विभाग को आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।”

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