NTI: भारत एक ऐसा देश है जहां विविधता हर कदम पर नजर आती है। बात चाहे संस्कृति की हो, भूगोल की हो या प्रशासनिक व्यवस्था की। इसी विविधता का एक अनोखा उदाहरण है भारत के राज्यों में जिलों की संख्या। जहां एक ओर गोवा जैसे छोटे से राज्य में सिर्फ दो जिले हैं, वहीं उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में जिलों की संख्या इतनी है कि गिनते-गिनते सिर चकरा जाए। आइए, इन दोनों राज्यों की खासियत पर एक नजर डालते हैं।
गोवा: दो जिलों वाला पर्यटन का स्वर्ग
गोवा, भारत का सबसे छोटा राज्य, अपनी खूबसूरत समुद्री तटों, जीवंत संस्कृति और टूरिज्म के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस छोटे से राज्य में सिर्फ दो जिले हैं? जी हां, नॉर्थ गोवा और साउथ गोवा। ये दो जिले मिलकर गोवा की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को संभालते हैं। नॉर्थ गोवा में पणजी जैसे शहर हैं, जो राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। वहीं, साउथ गोवा अपने शांत समुद्री तटों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। छोटा होने के बावजूद गोवा का टूरिज्म उद्योग इतना मजबूत है कि यह पूरे भारत के पर्यटन क्षेत्र को कड़ी टक्कर देता है।
उत्तर प्रदेश: 75 जिलों का विशाल राज्य
अब बात करते हैं भारत के सबसे ज्यादा जिलों वाले राज्य की, यानी उत्तर प्रदेश की। इस राज्य में पूरे 75 जिले हैं, जो इसे प्रशासनिक दृष्टिकोण से भारत का सबसे जटिल और विशाल राज्य बनाते हैं। लखनऊ, वाराणसी, आगरा जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहरों से लेकर गाजियाबाद और नोएडा जैसे आधुनिक शहरों तक, उत्तर प्रदेश में हर जिले की अपनी खासियत है। इतने सारे जिलों का प्रबंधन करना निश्चित रूप से एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यह भी उत्तर प्रदेश की विविधता और विशालता को दर्शाता है। चाहे बात कृषि की हो, उद्योग की हो या फिर सांस्कृतिक धरोहर की, उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता है।
भारत का हर राज्य अपने आप में अनोखा है। गोवा अपनी सादगी और पर्यटन की ताकत के साथ दो जिलों में ही अपनी पहचान बनाए हुए है, तो उत्तर प्रदेश अपनी विशालता और 75 जिलों के साथ देश के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। यह विविधता ही भारत को इतना खास बनाती है।