NTI: बैंगलोर का एक होनहार स्टार्टअप, Danzo, जो कि 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी का वादा लेकर बाजार में उतरा था, आज बंद हो चुका है। इसकी वजह? रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसका JioMart। आइए, इस कहानी को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि Danzo की दो बड़ी गलतियों ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया।
तेज डिलीवरी का जुनून
Danzo ने बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी शुरू की। उनके पास 400 डिलीवरी पार्टनर्स की मजबूत टीम थी, और शुरुआत में सब कुछ आसानी से चल रहा था। लेकिन इस तेज डिलीवरी के लिए उन्हें कई डार्क स्टोर्स (केवल डिलीवरी के लिए बनाए गए गोदाम) खोलने पड़े। इसके साथ ही, उन्हें Zomato और Blinkit जैसे बड़े खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा करनी थी। इस प्रतिस्पर्धा में टिकने के लिए Danzo को भारी फंडिंग की जरूरत थी, जो उनकी पहली गलती का आधार बनी।
रिलायंस के साथ गलत सौदा
Danzo ने रिलायंस से 240 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की, लेकिन बदले में रिलायंस को भविष्य के निर्णयों में V2O (वोटिंग टू ओवरराइड) पावर दे दी। यानी, रिलायंस को कंपनी के बड़े फैसलों पर नियंत्रण मिल गया। जब Danzo को इस अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में और अधिक फंडिंग की जरूरत पड़ी, तब रिलायंस ने न केवल अतिरिक्त फंडिंग देने से इनकार कर दिया, बल्कि Danzo को अन्य स्रोतों से फंडिंग लेने से भी रोक दिया। नतीजा? फंड की कमी के चलते Danzo को अपने दरवाजे बंद करने पड़े।
Danzo का अंत
फंडिंग की कमी और रिलायंस के नियंत्रण के कारण Danzo का सफर खत्म हो गया। इस स्टार्टअप के फाउंडर और सीईओ, कबीर विश्वास, ने अब फ्लिपकार्ट जॉइन कर लिया है, जहां वे एक नई शुरुआत कर रहे हैं। लेकिन Danzo की कहानी स्टार्टअप्स के लिए एक सबक है कि फंडिंग लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए और बड़े खिलाड़ियों के साथ साझेदारी में शर्तों को अच्छी तरह समझना जरूरी है।
Danzo की कहानी हमें सिखाती है कि तेजी से विस्तार और बड़े खिलाड़ियों के साथ साझेदारी स्टार्टअप्स के लिए दोधारी तलवार हो सकती है। रिलायंस और JioMart की रणनीति ने एक उभरते स्टार्टअप को खत्म कर दिया, जो बाजार में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा था। यह कहानी स्टार्टअप इकोसिस्टम में प्रतिस्पर्धा और रणनीतिक साझेदारियों की जटिलताओं को उजागर करती है।