Dehradun: दून में होलसेल मार्केट नया आढ़त बाजार जल्द आकार लेगा। दावा है कि नए आढ़त बाजार प्रोजेक्ट के जुड़े अधिकांश कार्य लगभग पूरे हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इस महीने के आखिरी तक रोड चौड़ीकरण के लिए एक्वायर किए गए पुराने आढ़त बाजार के निर्माण तोड़े जाएंगे। इस बात पर भी व्यापारियों ने सहमति जताई कि वे प्रोजेक्ट की जद में आने वाले अपने-अपने निर्माण को खुदे तोड़ेंगे। उधर, नए आढ़त में आढ़तियों के लिए दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। 3 नवंबर से जमीन आवंटन व नकद प्रतिकर कार्य शुरू होगा। अगले छह महीने में दुकानों का निर्माण होने के बाद नए आढ़त बाजार में व्यापारी शिफ्ट हो जाएंगे। एमडीडीए का दावा है कि आढ़त बाजार पुनर्विकास प्रोजेक्ट दून शहर के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित होगा।
निर्णय लिया गया कि पुराने आढ़त बाजार के मालिक अपनी संपत्तियों को रजिस्ट्री के जरिए पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित करेंगे। साथ ही, जमीन आवंटन व नकद प्रतिकर प्रक्रिया 3 नवंबर 2025 से समानांतर रूप से प्रारंभ की जाएगी। बताया गया कि रजिस्ट्री करते समय यह स्पष्ट उल्लेख रहेगा कि संबंधित भू-स्वामी रजिस्ट्री के 15 दिन के भीतर पुराने निर्माण को स्वेच्छा से ध्वस्त करेंगे और 5 माह के भीतर नए आढ़त बाजार में अपना निर्माण कार्य पूर्ण करेंगे।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना की प्रगति की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, आढ़त बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में परियोजना से जुड़े प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। जिसके बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में लेखपाल नजीर अहमद ने निर्माणाधीन आढ़त बाजार की प्रगति से अवगत कराया। बताया कि प्राधिकरण स्तर पर परियोजना का अधिकांश कार्य पूर्व से ही संपन्न किया जा चुके हैं। आगे की कार्रवाई तेज गति से चल रही है। अगले छह महीने में नया आढ़त बाजार आकार ले लेगा।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी का कहना है कि आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना देहरादून शहर के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित होगी। सभी प्रभावित व्यापारी सम्मानजनक पुनर्वास के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त व्यावसायिक परिसर में शीघ्रता से स्थानांतरित हों। एमडीडीए की प्राथमिकता पारदर्शी और जनहितकारी कार्यप्रणाली है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि न तो किसी व्यापारी के हित प्रभावित हों और न ही विकास कार्यों में लेट-लतीफी हो। प्राधिकरण की ओर से निर्माणाधीन आढ़त बाजार में आवंटित जमीन का 10 वर्षों तक क्रय-विक्रय प्रतिबंधित रहेगा, जिससे पुनर्विकास का उद्देश्य सुरक्षित रहे। पुराने आढ़त बाजार के चौड़ीकरण कार्य के लिए लेफ्ट व राइट साइड के लिए दो अलग-अलग टीमें गठित की जाएगी।
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने के अनुसार आढ़त बाजार के शिफ्ट होने व इसके चौड़ीकरण से आम जनमानस को सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक तक लगने वाले भीषण जाम से बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल व्यापारिक दृष्टि से बल्कि यातायात और शहरी सौंदर्य के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आढ़त बाजार का पुनर्विकास देहरादून शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करेगा और स्थानीय नागरिकों को सहज एवं सुगम आवागमन का अनुभव देगा।
प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना दून शहर के सुनियोजित विकास की दिशा में एमडीडीए की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस परियोजना का उद्देश्य पारंपरिक व्यापारिक ढांचे को आधुनिक रूप देना है। साथ ही इफेक्टेड सभी व्यापारियों को स्वच्छ, सुरक्षित व सुविधाजनक कार्यस्थल उपलब्ध कराना है। प्राधिकरण का प्रयास है कि भूखंड आवंटन व प्रतिकर वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से संपन्न हो और कोई भी व्यापारी पुनर्वास से वंचित न रहे। यह प्रोजेकट देहरादून के शहरी पुनर्निर्माण का उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी।

