NTI: यमुनोत्री हाईवे पर पिछले आठ वर्षों से मुसीबत का सबब बने ओजरी-डाबरकोट भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) विभाग ने कदम उठाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार से 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिलने के बाद विभाग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इस जोन पर ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही, इस क्षेत्र में दोनों ओर मशीनें तैनात की गई हैं, जिससे आपात स्थिति में मलबा हटाकर आवागमन सुचारू रखा जा सके।
साल 2017 से ओजरी-डाबरकोट में सक्रिय भूस्खलन जोन चारधाम यात्रा के लिए हर साल परेशानी का कारण बन रहा है। इस क्षेत्र में भूस्खलन के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हर साल स्थानीय लोग और यात्री चोटिल होते हैं। मानसून सीजन में भूस्खलन के कारण कई दिनों तक यात्रा बाधित रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए एनएच विभाग ने ट्रीटमेंट की योजना तैयार की और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी थी। स्वीकृति मिलने के बाद अब विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है। करीब 300 मीटर लंबे इस भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट 100 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में टनल योजना भी प्रस्तावित है। इस सुधार कार्य से न केवल चारधाम यात्रा सुगम होगी, बल्कि गीठ पट्टी के 15 से अधिक गांवों के निवासियों को भी राहत मिलेगी। राजमार्ग निर्माण खंड, बड़कोट के कार्यकारी अभियंता (ईई) मनोज रावत ने बताया कि ओजरी-डाबरकोट स्लाइड जोन के ट्रीटमेंट कार्य की डीपीआर स्वीकृत हो चुकी है और टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील जोन में दोनों ओर मशीनें तैनात हैं, ताकि हाईवे बंद होने की स्थिति में तुरंत मलबा और बोल्डर हटाकर आवागमन बहाल किया जा सके।
यह पहल न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक बड़ी राहत साबित होगी।