खटीमा : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘मुख्य सेवक युवा संवाद’ कार्यक्रम में सैकड़ों युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा संकल्प लेकर लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ें और कैरियर निर्माण के साथ-साथ राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इस कार्यक्रम में युवाओं ने अपनी चुनौतियों, सुझावों और आकांक्षाओं को सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा, जो राज्य सरकार की युवा सशक्तिकरण नीति का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब युवा ऊर्जा, उम्मीद और सकारात्मक सोच से भरे हों, तो माहौल अपने आप उत्साह से भर जाता है। मेरे अनुभव ने सिखाया है कि जिस देश के युवा ठान लें, वे अपने देश को शिखर पर ले जाना चाहते हैं, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।” उन्होंने भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को युवाओं की सजगता का प्रमाण बताते हुए कहा कि आज दुनिया भारत को आशा और विश्वास की दृष्टि से देखती है, क्योंकि भारत का जन युवा है, मन युवा है और सपने युवा हैं। “भारत ने हमेशा आधुनिकता को अपनाया है और परिवर्तन को स्वीकार किया है, यही वजह है कि आज भारत की आवाज दुनिया की दिशा तय कर रही है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
स्टार्टअप इकोसिस्टम में उत्तराखंड की उल्लेखनीय प्रगति
मुख्यमंत्री ने राज्य के स्टार्टअप कल्चर पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उत्तराखंड स्टार्टअप नीति 2018 के लागू होने के बाद से राज्य में नवाचार और उद्यमिता का वातावरण तेजी से विकसित हो रहा है। राज्य सरकार ने 1,100 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता प्रदान की है, जबकि अत्याधुनिक 15 इंक्यूबेटर स्थापित किए गए हैं। इनमें से कई इंक्यूबेटर ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, पंतनगर और कोयर जैसे संस्थानों से संबद्ध हैं, जो स्टार्टअप्स को मेंटरिंग, फंडिंग और बाजार पहुंच प्रदान करते हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2025 तक उत्तराखंड के स्टार्टअप इकोसिस्टम में खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, आईटी, एआई, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और कल्याण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार, इन स्टार्टअप्स में से 45% से अधिक टियर-2 और टियर-3 शहरों से उभरे हैं, जो पहाड़ी क्षेत्रों में प्रवास रोकने और स्थानीय रोजगार सृजन में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। राज्य सरकार की ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम’ के तहत 30 नए इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें प्रत्येक जिले में कम से कम एक सेंटर शामिल होगा। अप्रैल 2025 में सीएम धामी ने अगले पांच वर्षों में 1,000 स्टार्टअप्स का लक्ष्य रखा था, जो अब पार हो चुका है। इसके अलावा, स्टार्टअप पहल के तहत 9,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिनमें से 4,000 पहाड़ी जिलों से हैं।
सेना से स्टार्टअप तक, राष्ट्र निर्माण का संकल्प
धामी ने कहा कि उत्तराखंड के हजारों युवा सेना, डिफेंस सेवाओं, सरकारी और निजी नौकरियों तथा स्टार्टअप्स में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। “आज यहां मौजूद युवा, जो हाल के वर्षों में सरकारी नौकरियां हासिल की हैं या स्वरोजगार शुरू किया है, संघर्ष और मेहनत का जीता-जागता प्रमाण हैं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि सांस्कृतिक संरक्षण के साथ आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने में युवाओं की भूमिका अपरिहार्य है। “कोई राष्ट्र तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक उसकी युवाशक्ति संगठित, आत्मनिर्भर और राष्ट्रवादी न हो। युवा राष्ट्र की प्रगति के इंजन हैं, उनकी इनोवेटिव सोच ईंधन है।”
मुख्यमंत्री ने गरीबी और सीमित संसाधनों के बावजूद इच्छाशक्ति की ताकत पर जोर देते हुए कहा, “इच्छाशक्ति हो तो पर्वत भी रास्ता दे देते हैं।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नौकरी मांगने वाले न बनें, बल्कि नौकरी देने वाले बनें। “आपके प्रत्येक कार्य से निजी प्रगति के साथ प्रदेश और देश का विकास हो। यह युवावस्था आपके करियर का स्वर्णिम समय है—जो ठान लेंगे, वह पूर्ण होगा।”
युवा सशक्तिकरण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता
कार्यक्रम में सीएम ने राज्य सरकार की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत संरक्षण की दिशा में प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आपके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि युवाओं और उनकी प्रतिभा पर हमें पूर्ण भरोसा है।” धामी ने विश्वास जताया कि युवा प्रदेश की प्रगति में निष्ठा से योगदान देंगे और ‘विकल्प रहित संकल्प’ के तहत उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य में भागीदार बनेंगे। अंत में, उन्होंने सभी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
यह संवाद कार्यक्रम उत्तराखंड सरकार की ‘मुख्य सेवक’ श्रृंखला का हिस्सा है, जो युवाओं को सीधे नीति निर्माण से जोड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्टार्टअप नीति से राज्य की जीएसडीपी में 10-15% का योगदान बढ़ेगा, विशेषकर पर्यटन और एग्री-बिजनेस क्षेत्रों में।

