NTI: पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर में तीन युवाओं ने स्वरोजगार की मिसाल पेश करते हुए अपनी मेहनत और हुनर से स्टार्टअप की शुरुआत की है। मनोज सिंह बिष्ट, महावीर कंडारी और अमित रावत ने मिलकर एक ऐसा व्यवसाय शुरू किया है, जो न केवल उनकी पहचान बना रहा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर रहा है। इनका स्टार्टअप धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 3D मॉडल, सोविनियर और अन्य सजावटी सामान बनाने पर आधारित है।
ग्राफिक डिजाइनिंग से 3D मॉडल तक
मनोज सिंह बिष्ट ने एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में पढ़ाई पूरी की और इसके बाद ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स किया। नौकरी करने के बाद उन्होंने अपने हुनर का उपयोग स्वरोजगार के लिए करने का निर्णय लिया। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उनके दोस्तों महावीर और अमित ने उनका साथ दिया। तीनों ने मिलकर छोटे पैमाने पर काम शुरू किया और लेजर मशीन की मदद से वुडन 3D मॉडल और सजावटी सामान तैयार करना शुरू किया।
बढ़ती मांग के साथ उत्पादन में इजाफा
शुरुआत में छोटी मशीन के साथ काम शुरू हुआ, लेकिन जैसे-जैसे उनके उत्पादों की मांग बढ़ी, उन्होंने उत्पादन का विस्तार किया। चारधाम और धारी देवी जैसे प्रमुख मंदिरों के 3D मॉडल, तस्वीरें और अन्य उत्पाद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो गए। इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 3,000 रुपये तक है।
महिलाओं को मिला रोजगार
इस स्टार्टअप ने न केवल इन युवाओं के लिए मुनाफे का जरिया बनाया, बल्कि 6 महिलाओं को भी रोजगार प्रदान किया है। यह पहल इन महिलाओं के जीवन को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का संरक्षण
तीनों युवा लेजर मशीन की मदद से ऐसे उत्पाद तैयार कर रहे हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को संरक्षित करने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए यादगार तोहफे भी बन रहे हैं। इनके उत्पाद स्थानीय और आसपास के जिलों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। कॉलेजों और सरकारी विभागों से भी इनके 3D मॉडल की डिमांड बढ़ रही है।
स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार की प्रेरणा
जब अधिकांश युवा रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, श्रीनगर गढ़वाल के इन तीन युवाओं ने स्थानीय स्तर पर रोजगार का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनकी यह पहल न केवल उनके लिए, बल्कि अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही है।
भविष्य की संभावनाएं
यह स्टार्टअप यह साबित करता है कि हुनर और दृढ़ संकल्प के साथ पहाड़ों में भी सफलता पाई जा सकती है। स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के इस अनोखे प्रयास से यह तीनों युवा भविष्य में और भी ऊंचाइयों को छूने की दिशा में अग्रसर हैं।