(NTI): बागेश्वर में सुशासन सप्ताह और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत ‘म्यर स्वैण-म्यर लक्ष्य’ (मेरा सपना, मेरा लक्ष्य) कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी आशीष भटगांई और महिला अधिकारियों ने बेटियों के साथ संवाद स्थापित किया, उन्हें उनके सपनों और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया, और अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम के दौरान, बेटियों को सरकारी कार्यालयों के कार्यप्रणाली और सरकार की स्वरोजगार परक एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, कलेक्ट्रेट कार्यालय, विकास भवन, और एसपी कार्यालय का एक्सपोजर विजिट कराया गया, जिससे वे प्रशासनिक कार्यों की समझ विकसित कर सकें।
जिला सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में, जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने बेटियों के सपनों और लक्ष्यों को समझा और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास और जीवन मूल्यों को आत्मसात करने की सलाह दी। उन्होंने बेटियों को आलोचनात्मक सोच विकसित करने और योग्यता के विकास पर जोर दिया, ताकि वे जानकारी का विश्लेषण, मूल्यांकन, और व्याख्या करने की क्षमता विकसित कर सकें। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिए अनुशासन और कड़ी मेहनत आवश्यक होती है, इसलिए जिस भी कार्य क्षेत्र का चुनाव करें, उसमें पूर्ण समर्पण के साथ प्रयास करें।
महिला अधिकारियों ने भी बेटियों को प्रेरणादायक मार्गदर्शन प्रदान किया। परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, होम्योपैथिक अधिकारी डॉ. बेला महर्षा, और डॉ. दिया गुणवंत ने बेटियों को उनकी क्षमता और रुचि के अनुसार मेहनत करने की प्रेरणा दी। सब इंस्पेक्टर मीना रावत ने पुलिस सेवा में रुचि रखने वाली बेटियों को जानकारी प्रदान की और लक्ष्य प्राप्ति के साथ अनुशासन के महत्व पर बल दिया। डीपीओ डॉ. मंजुलता यादव, क्रीड़ा अधिकारी किरन नेगी, बीईओ गरुड़ कमलेश्वरी मेहता, एपीओ रश्मि, नर्सिंग अधिकारी शीतल रावत, सीडीपीओ आशा भट्ट, और वन स्टॉप सेंटर की प्रबंधक सृष्टि कांडपाल ने भी बेटियों को प्रेरणादायक सुझाव दिए और ऐसे कार्यक्रमों से सीख लेकर अवसरों का सदुपयोग करने की प्रेरणा दी।