NTI: उत्तरकाशी जिले में सेब की बागवानी और अन्य नकदी फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष कई महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की गई हैं। अति सघन बागवानी योजना के तहत जिले में कुल 188.24 हेक्टेयर क्षेत्र में नए उद्यान स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही जाईका समर्थित उत्तराखंड एकीकृत औद्यानिक विकास परियोजना के तहत चार क्लस्टरों में सेब, कीवी, आलू, मटर, और टमाटर की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बागवानी के विकास के लिए इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाकर इन क्षेत्रों को सभी आवश्यक सुविधाओं से संतृप्त किया जाए। इसके साथ ही, किसानों के उत्पादों के विपणन के लिए बाजार सर्वेक्षण कर ठोस रणनीति बनाई जाए।
जिलाधिकारी ने बागवानी योजना की समीक्षा हेतु आयोजित जिला स्तरीय समिति की बैठक में बताया कि उत्तरकाशी जिला सेब की बागवानी के लिए राज्य में अग्रणी है, लेकिन यहां की पूरी क्षमता का अभी उपयोग नहीं हो सका है। उन्होंने लाभार्थियों के चयन पर विशेष ध्यान देने और जिले को इस योजना में राज्य भर में पहले स्थान पर लाने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी तय किया गया कि किसानों को सिंचाई सुविधाओं, बीज, पौध, खाद और रसायनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित कर उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने पर भी जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि समिति की अगली बैठक में अधिक से अधिक प्रगतिशील किसानों को आमंत्रित किया जाए।
फसल बीमा दावों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश
बैठक में फसल बीमा योजना के लंबित दावों पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने आराकोट क्षेत्र के सेब बागवानों के लंबित बीमा दावों का तुरंत निस्तारण करने के निर्देश दिए और बीमा कंपनियों की हीला-हवाली पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने चेतावनी दी कि दावा निपटान में सुधार न होने पर संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हेतु शासन को लिखा जाएगा।
अति सघन बागवानी योजना: इस योजना के तहत क्लोनल रूटस्टॉक विधियों से 188.24 हेक्टेयर क्षेत्र में 1002 लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। इस पर लगभग 22.87 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। पिछले तीन वर्षों में 132.2 हेक्टेयर क्षेत्र में 9.27 करोड़ रुपये व्यय कर 611 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया गया।
उत्तराखंड एकीकृत औद्यानिक विकास परियोजना: जाईका के सहयोग से इस वर्ष 7.80 करोड़ रुपये की लागत से चार क्लस्टरों में आलू, कीवी, मटर, टमाटर और सेब की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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- भटवाड़ी ब्लॉक: 150 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती।
- डुंडा ब्लॉक: 39 हेक्टेयर क्षेत्र में कीवी की बागवानी।
- नौगांव ब्लॉक: 39 हेक्टेयर क्षेत्र में मटर और टमाटर की खेती।
- मोरी ब्लॉक: 51 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की बागवानी।
जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों और संगठनों को निर्देशित किया है कि सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए और किसानों को तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।