देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने अवस्थापना विकास के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। भारत सरकार, उत्तराखंड शासन, और यूरोपियन निवेश बैंक (EIB) के बीच हुई वार्ता में पिथौरागढ़, सितारगंज, रुद्रपुर, और काशीपुर नगरों के लिए प्रस्तावित 1910 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर सहमति बनी है। इन परियोजनाओं के लिए जून 2025 में अभिलेखों पर हस्ताक्षर होंगे और निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (UUSDA) के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजनाओं में पिथौरागढ़ में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था, साथ ही सितारगंज, रुद्रपुर, और काशीपुर में पेयजल आपूर्ति से संबंधित कार्य शामिल हैं। इन परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पहले ही तैयार की जा चुकी हैं। EIB ने इन परियोजनाओं के लिए 1910 करोड़ रुपये के वित्तपोषण को मंजूरी दे दी है।
गुरुवार को आयोजित वर्चुअल बैठक में भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग की ओर से अपर्णा भाटिया, EIB से मैक्सीमीलियन, और उत्तराखंड शासन से सचिव चन्द्रेश कुमार ने हिस्सा लिया। आर्थिक कार्य विभाग ने सभी DPRs की समीक्षा कर EIB के साथ साझा किया था, जिसके आधार पर EIB ने परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की। बैठक में UUSDA की परियोजना तैयारी और प्रस्तुति की सराहना की गई।
कार्यक्रम निदेशक चन्द्रेश कुमार ने बताया कि पिथौरागढ़ जैसे सीमांत क्षेत्रों में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये सुविधाएं न केवल जीवन स्तर को बेहतर बनाती हैं, बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी योगदान देती हैं। प्रस्तावित परियोजनाएं शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता को बढ़ावा देंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। इन परियोजनाओं से शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति और स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा।”
EIB और आर्थिक कार्य विभाग ने निर्णय लिया है कि जून 2025 में परियोजना अभिलेखों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसके बाद निविदा प्रक्रिया शुरू होगी। यह उत्तराखंड के शहरी विकास और नागरिक सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।