NTI: राजू सिंह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के हरपुर गांव के निवासी, आज मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में एक प्रेरणा बन चुके हैं। उनका ब्रांड “हाई ग्रोथ हनी” अब शहद उत्पादन और बिक्री में एक प्रसिद्ध नाम है। उन्होंने एक साधारण किसान से लेकर एक सफल कृषि उद्यमी बनने तक का सफर तय किया है। आज उनके पास 1,000 से अधिक मधुमक्खी कालोनियां हैं, जिनसे उनका वार्षिक टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है। उनके उत्पाद न केवल पूरे देश में बिकते हैं, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। उनका शहद 500 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिकता है और गुणवत्ता के कारण देशभर में लोकप्रिय है।
राजू सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से अपने व्यवसाय को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अब वह अन्य किसानों और युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रहे हैं।
शुरुआत
राजू सिंह ने अपने करियर की शुरुआत पारंपरिक खेती से की थी। हालांकि, फसलों की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। इससे उन्होंने सोचा कि ऐसा व्यवसाय शुरू किया जाए जिसमें कम लागत और स्थिर लाभ हो। इसी सोच ने उन्हें मधुमक्खी पालन की ओर प्रेरित किया।
प्रशिक्षण और चुनौतियां
मधुमक्खी पालन की शुरुआत के लिए राजू सिंह ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले के ज्योलीकोट स्थित राजकीय मौन पालन केंद्र से प्रशिक्षण लिया। यहां उन्होंने व्यावसायिक और तकनीकी ज्ञान हासिल किया। शुरुआती दिनों में उन्हें मौसम और मधुमक्खियों की देखभाल से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने अपनी लगन से हर समस्या का समाधान किया।
उपयुक्त स्थान का चयन
राजू सिंह के अनुसार, मधुमक्खी पालन के लिए ऐसा स्थान उपयुक्त होता है जहां का तापमान मध्यम हो। उन्होंने बताया कि ठंड में मधुमक्खियों को धूप में और गर्मी व बारिश में छांव में रखना चाहिए। उन्होंने किसानों को यह सलाह भी दी कि मधुमक्खी पालन की जगह को सड़कों और घनी आबादी से दूर रखा जाए, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
शहद उत्पादन और लाभ
राजू सिंह के मुताबिक, शहद का अधिकतम उत्पादन अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान एक महीने में 3-4 बार शहद निकाला जा सकता है। मधुमक्खियां खुद भोजन ढूंढती हैं, जिससे किसान का खर्च कम होता है। साथ ही, मधुमक्खियों की उपस्थिति से आसपास की फसलों की पैदावार भी बढ़ती है, जिससे किसानों को दोगुना लाभ मिलता है।
सफलता के सूत्र
राजू सिंह का मानना है कि किसी भी व्यवसाय की सफलता के लिए गुणवत्ता सबसे अहम है। उन्होंने कभी अपने उत्पाद के लिए भारी मार्केटिंग नहीं की; उनकी गुणवत्ता ने ही उन्हें प्रसिद्ध बनाया। वह कहते हैं, “अगर आप अपने व्यवसाय में ईमानदारी और गुणवत्ता बनाए रखते हैं, तो सफलता निश्चित है।”
प्रगतिशील किसान राजू सिंह का सफर यह साबित करता है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। वह किसानों और युवाओं से कहते हैं, “अपने व्यवसाय को पूरी ईमानदारी और लगन से करें। सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी।”