Monday, February 24, 2025
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अंकुश सचदेवा ने ShareChat को कैसे बनाया सोशल मीडिया का बड़ा प्लेटफ़ॉर्म

(News Trust of India): अंकुश सचदेवा, आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र, असफलताओं से लड़ने और अपने सपनों को साकार करने की मिसाल है। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि अगर इंसान में हौसला और मेहनत करने का जज्बा हो, तो वह किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है।

अंकुश ने अपने करियर की शुरुआत में 17 बार स्टार्टअप शुरू करने की कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी असफलताएं सीखने का जरिया बनीं और उन्होंने हर बार खुद को बेहतर बनाने की कोशिश की। यह उनका धैर्य और दृढ़ निश्चय ही था जिसने उन्हें 18वीं बार फिर से प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।

2015 में, अंकुश ने अपने दोस्तों फरीद अहसान और भानु प्रताप सिंह के साथ मिलकर शेयरचैट नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य भारत के छोटे शहरों और कस्बों के लोगों को उनकी अपनी भाषा में जोड़ना था। शेयरचैट ने भारतीय भाषाओं में सामग्री उपलब्ध कराकर एक अनूठा मॉडल पेश किया। यह प्लेटफॉर्म 15 भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे यह देशभर के लाखों उपयोगकर्ताओं को जोड़ने में सक्षम हुआ।

आज शेयरचैट भारत का एक प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन चुका है और इसकी वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह प्लेटफॉर्म खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो अंग्रेजी भाषा में सहज नहीं हैं। शेयरचैट ने भारत के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जुड़ाव को बढ़ावा दिया है और लाखों भारतीयों को उनकी मातृभाषा में संवाद करने का अवसर प्रदान किया है। शेयरचैट की विकास यात्रा में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर शामिल हैं, जो इसे भारत के अग्रणी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक बनाने में सहायक रहे।

जनवरी 2015 में मोहल्ला टेक प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई। अक्टूबर 2015 में शेयरचैट को हिंदी, मराठी, मलयालम और तेलुगु भाषाओं में लॉन्च किया गया, जिससे यह क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोगकर्ताओं के लिए आकर्षक बना। शेयरचैट ने 15 भारतीय भाषाओं में सामग्री उपलब्ध कराई, जिससे यह छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के उपयोगकर्ताओं को जोड़ने में सफल रहा। यह इसकी सबसे बड़ी यूएसपी (Unique Selling Proposition) बनी।

भारत में TikTok पर प्रतिबंध के बाद, शेयरचैट ने शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म Moj लॉन्च किया। यह प्लेटफॉर्म तेजी से लोकप्रिय हुआ और इसके 100 मिलियन से अधिक डाउनलोड हुए। शेयरचैट ने अपने संचालन के जरिए लगभग 1,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया है, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

गूगल प्ले स्टोर पर शेयरचैट ऐप के 500 मिलियन से अधिक डाउनलोड हुए, जो इसके व्यापक उपयोगकर्ता आधार और लोकप्रियता का प्रमाण है। शेयरचैट की यह यात्रा न केवल इसकी व्यावसायिक सफलता को दर्शाती है बल्कि भारत के डिजिटल परिदृश्य में क्षेत्रीय भाषाओं की ताकत को भी स्थापित करती है।

शेयरचैट के लॉन्च के बाद भारतीय सोशल मीडिया क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई, और इसके साथ ही कई प्लेटफॉर्म्स ने अपनी जगह बनाने की कोशिश की। यहां शेयरचैट के प्रतिस्पर्धियों के साथ हुई प्रमुख घटनाओं और बदलावों का विवरण है:

1. हेलो (Helo) 

  • हेलो, जो कि टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस का एक क्षेत्रीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म था, ने शेयरचैट को कड़ी टक्कर दी। हालांकि, 2018 में शेयरचैट ने हेलो पर अपने डिज़ाइन और यूजर इंटरफेस की नकल करने का आरोप लगाया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाइटडांस को हेलो का डिज़ाइन बदलने का निर्देश दिया, जिससे शेयरचैट को राहत मिली।

2. Moj 

  • 2020 में भारत सरकार द्वारा टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के बाद, शेयरचैट ने Moj नामक शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। Moj ने टिकटॉक के उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करते हुए तेजी से लोकप्रियता हासिल की और यह शेयरचैट के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ।

3. फेसबुक और इंस्टाग्राम 

  • फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे वैश्विक दिग्गजों ने भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी। इंस्टाग्राम रील्स ने शॉर्ट वीडियो सेगमेंट में Moj और अन्य भारतीय प्लेटफॉर्म्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा दी। हालांकि, शेयरचैट ने क्षेत्रीय भाषाओं पर ध्यान केंद्रित करके अपनी अलग पहचान बनाई।

4. कू (Koo) 

  • 2020 में लॉन्च हुए कू (Koo) ने भी क्षेत्रीय भाषाओं पर ध्यान केंद्रित किया और ट्विटर के विकल्प के रूप में उभरा। कू ने भारतीय भाषाओं के उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया, लेकिन यह शेयरचैट से अलग माइक्रोब्लॉगिंग फोकस के कारण सीधी प्रतिस्पर्धा में नहीं आया।

5. अन्य क्षेत्रीय प्लेटफॉर्म्स 

  • कई छोटे क्षेत्रीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे रोपोसो (Roposo) और चिंगारी (Chingari) भी टिकटॉक के विकल्प के रूप में उभरे। हालांकि, ये प्लेटफॉर्म्स Moj जैसी सफलता हासिल करने में विफल रहे।

वैश्विक कंपनियों की रणनीति

  • गूगल और मेटा जैसी कंपनियों ने भारतीय भाषाओं में सामग्री उपलब्ध कराकर भारतीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की। इससे शेयरचैट को लगातार नवाचारों और अपने उपयोगकर्ता आधार को बनाए रखने की चुनौती मिली।

शेयरचैट ने इन प्रतिस्पर्धात्मक चुनौतियों के बावजूद अपनी क्षेत्रीय भाषा-केंद्रित रणनीति, उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस, और नए उत्पाद जैसे Moj के माध्यम से अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखी है। यह प्लेटफॉर्म आज भी भारत के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जुड़ाव का एक प्रमुख माध्यम बना हुआ है।

शेयरचैट के लॉन्च के बाद से स्नैपचैट ने अपनी वैश्विक रणनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए और भारतीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कदम उठाए। यहाँ स्नैपचैट की विकास यात्रा और शेयरचैट के साथ इसके संबंधों का विवरण दिया गया है:

 साझेदारी

  • स्नैपचैट ने उभरते भारतीय बाजार को समझते हुए शेयरचैट और उसके शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म Moj के साथ साझेदारी की। 2021 में, स्नैपचैट ने Moj के लिए अपना कैमरा किट तकनीक उपलब्ध कराई, जिससे Moj उपयोगकर्ताओं को स्नैपचैट के उन्नत एआर (Augmented Reality) लेंस का उपयोग करने का मौका मिला। इस साझेदारी ने Moj पर कंटेंट क्रिएशन को और अधिक रचनात्मक और आकर्षक बनाया।
  • इस सहयोग के तहत Moj ने स्नैपचैट के 30 लेंस लॉन्च किए और भविष्य में 400 लेंस विकसित करने की योजना बनाई। यह साझेदारी स्नैपचैट की भारतीय बाजार में अपनी तकनीकी उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा थी।

“स्पॉटलाइट” फीचर का लॉन्च

  • स्नैपचैट ने TikTok और Moj जैसे शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म्स से प्रतिस्पर्धा करने के लिए “स्पॉटलाइट” फीचर लॉन्च किया। यह फीचर उपयोगकर्ताओं को शॉर्ट वायरल वीडियो बनाने और साझा करने की सुविधा देता है, जो एल्गोरिदम द्वारा उनकी रुचियों के अनुसार दिखाए जाते हैं।

AI का उपयोग

  • 2023 में, स्नैपचैट ने “My AI” नामक चैटबॉट पेश किया, जो OpenAI के ChatGPT पर आधारित है। यह उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत चैट अनुभव प्रदान करता है और स्नैपचैट+ सब्सक्राइबर्स को विशेष सुविधाएँ देता है। यह कदम स्नैपचैट को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने और युवा दर्शकों को आकर्षित करने के लिए उठाया गया था।

 विवाद 

  • 2015 में, स्नैपचैट के सीईओ इवान स्पीगल द्वारा भारत जैसे “गरीब देशों” में विस्तार न करने की टिप्पणी विवादास्पद रही। इस घटना के बाद भारत में स्नैपचैट की छवि प्रभावित हुई, लेकिन कंपनी ने इसे सुधारने के लिए कदम उठाए और भारतीय बाजार पर ध्यान केंद्रित किया।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा 

  • स्नैपचैट ने अपने प्लेटफॉर्म पर नई सुविधाएँ जोड़ीं, जैसे स्टोरीज़, लाइव स्टोरीज़, एआर लेंस, और वॉयस फिल्टर्स, ताकि यह अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम रील्स और टिकटॉक से प्रतिस्पर्धा कर सके।
  • इसके अलावा, स्नैपचैट ने Moj जैसे क्षेत्रीय प्लेटफॉर्म्स से सहयोग करते हुए स्थानीय उपयोगकर्ताओं तक पहुँचने की कोशिश की, जो इसकी वैश्विक रणनीति का हिस्सा था।

पुरस्कार

    • 2018 में शेयरचैट के संस्थापकों को फोर्ब्स एशिया 30 अंडर 30 सूची में शामिल किया गया।
    • 2024 में सीईओ अंकुश सचदेवा को हुरुन इंडिया अंडर35 सूची में सबसे युवा उद्यमी का खिताब मिला।

अंकुश सचदेवा की कहानी हमें सिखाती है कि असफलताएं सफलता की राह में बाधा नहीं बल्कि सीखने के अवसर होती हैं। उनकी मेहनत, दृढ़ता और सही दृष्टिकोण ने उन्हें न केवल व्यक्तिगत सफलता दिलाई बल्कि भारत के डिजिटल परिदृश्य को भी बदलने में मदद की। यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

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