(News Trust of India): बात साल 2022 की है, जब भारत के कारोबार जगत में एक बड़ा ऐलान हुआ। 55 साल से पैक्ड पानी के बाजार में अग्रणी बिसलेरी (Bisleri) के मालिक रमेश चौहान ने अपने कारोबार को बेचने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उम्र की वजह से वो कारोबार की जिम्मेदारी नहीं उठा पा रहे और उनकी इकलौती बेटी जयंती चौहान बिसलेरी के कारोबार में खास दिलचस्पी नहीं रखती, इसलिए उन्हें कारोबार बेचना पड़ रहा है.
बिसलेरी, जो भारत के 32% मिनरल वाटर बाजार पर राज कर रही थी, को खरीदने के लिए कई बड़ी कंपनियां जैसे पेप्सी और टाटा ने दिलचस्पी दिखाई। रतन टाटा की कंपनी ने इसे खरीदने के लिए 7000 करोड़ रुपये का ऑफर दिया। लेकिन यह सौदा तब पलट गया जब 42 वर्षीय जयंती चौहान ने ऐलान किया कि “बिसलेरी बिकाऊ नहीं है।”
अपने पिता की मजबूरी और कारोबार के प्रति उनकी भावनाओं ने जयंती को बिसलेरी की कमान संभालने के लिए प्रेरित किया। जहां शुरुआत में जयंती का झुकाव फैशन और फोटोग्राफी की ओर था, वहीं 2022-23 में बिसलेरी का राजस्व 2300 करोड़ रुपये तक पहुंचाने में उनका बड़ा योगदान रहा।
जयंती ने अपने नेतृत्व में कंपनी के नए आयाम स्थापित किए। उन्होंने सब-ब्रांड्स जैसे रेव, पॉप और स्पाइसी जीरा लॉन्च किए और डिजिटल व सोशल मीडिया मार्केटिंग के माध्यम से इन प्रोडक्ट्स को प्रमोट किया। मार्केटिंग और ब्रांड मैनेजमेंट में उनकी गहरी रुचि ने बिसलेरी को बाजार में और मजबूत किया।
दिल्ली में जन्मीं जयंती ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई के बाद मुंबई का रुख किया। इसके बाद उन्होंने लॉस एंजिल्स के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्केंडाइजिंग (FIDM) से ग्रेजुएशन किया और लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से फैशन फोटोग्राफी और स्टाइलिंग में पढ़ाई पूरी की। हालांकि, 24 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता के कारोबार की जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया।
जयंती चौहान के नेतृत्व में बिसलेरी ने दिल्ली और मुंबई में अपने ऑफिस स्थापित किए। उन्होंने बिसलेरी मिनरल वाटर, वेदिका नेचुरल मिनरल वाटर, फिजी फ्रूट ड्रिंक और हैंड प्यूरीफायर जैसे प्रोडक्ट्स के ऑपरेशन्स को नए स्तर पर पहुंचाया। उनके रणनीतिक फैसलों और मार्केटिंग कैम्पेन्स ने कंपनी को प्रतिस्पर्धा में एक मजबूत स्थिति में रखा।
जयंती चौहान ने न केवल बिसलेरी को रतन टाटा और मुकेश अंबानी की कंपनियों के समक्ष मजबूती से खड़ा किया, बल्कि उन्होंने अपने नेतृत्व में बिसलेरी को बाजार में और ऊंचाई पर पहुंचाया। उनकी दूरदर्शिता और मार्केटिंग की समझ ने बिसलेरी को नए मुकाम तक पहुंचाने में मदद की।
जयंती चौहान की यह कहानी न केवल एक महिला के साहस और नेतृत्व की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि परिवार और कारोबार के प्रति जिम्मेदारी किस तरह से एक साम्राज्य को नई दिशा दे सकती है।