NTI: क्या आपने भी कभी सोचा था कि एक योग गुरु, जिसने अपना करियर लोगों को सांसों की कला और शरीर को स्वस्थ रखने का सबक सिखाने से शुरू किया, एक दिन 4500 करोड़ रुपये की इंश्योरेंस कंपनी का मालिक बन जाएगा? जी हां, मैं बात कर रहा हूं बाबा रामदेव की, जिनका असली नाम राम किशन यादव है। एक साधारण शुरुआत से लेकर आज अरबों के कारोबारी साम्राज्य तक का उनका सफर किसी चमत्कार से कम नहीं है।
योग से शुरू हुआ सफर
बाबा रामदेव ने अपने करियर की शुरुआत योग सिखाने से की। बड़े-बड़े योग शिविरों का आयोजन करते हुए उन्होंने लोगों को न सिर्फ योग के फायदे बताए, बल्कि इसे एक जन आंदोलन बना दिया। फिर टीवी के जरिए उनकी पहुंच घर-घर तक हो गई। सुबह-सुबह टीवी पर उनके प्राणायाम और आसन सिखाते हुए लाखों लोग उनके साथ जुड़ गए। उनकी सादगी, देसी अंदाज और योग के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता का चहेता बना दिया। लेकिन रामदेव यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपनी बढ़ती लोकप्रियता को एक बड़े मिशन में बदला।
पतंजलि आयुर्वेद: सपनों का पहला पड़ाव
साल 2006 में बाबा रामदेव ने अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर पतंजलि आयुर्वेद की नींव रखी। यह कंपनी सिर्फ आयुर्वेदिक दवाइयों तक सीमित नहीं रही। जल्द ही पतंजलि ने मल्टी-रेंज एफएमसीजी प्रोडक्ट्स जैसे घी, तेल, टूथपेस्ट, बिस्किट और नूडल्स तक बाजार में उतार दिए। लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया। स्वदेशी और आयुर्वेद के नाम पर पतंजलि ने बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को टक्कर दी। नतीजा? पिछले साल पतंजलि का रेवेन्यू 60,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा रहा। यह आंकड़ा अपने आप में बताता है कि रामदेव का विजन कितना बड़ा था।
डेरी, सोलर और अब इंश्योरेंस तक
पतंजलि की सफलता के बाद बाबा रामदेव ने अपने कारोबारी दायरे को और बढ़ाया। उन्होंने डेरी प्रोडक्ट्स में कदम रखा, दूध, दही और पनीर जैसे उत्पादों के साथ बाजार में धमाल मचाया। फिर सोलर इंडस्ट्री में एंट्री की, जिससे स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भी उनकी मौजूदगी दर्ज हुई। लेकिन अब जो खबर आई है, वो हैरान करने वाली है। रामदेव ने डीएस ग्रुप (जो रजनीगंधा पान मसाला बनाती है) के साथ मिलकर 4500 करोड़ रुपये में मैग्मा जनरल इंश्योरेंस कंपनी को खरीदने का फैसला किया है। यह डील मार्च 2025 में सामने आई, जब पतंजलि और डीएस ग्रुप ने अदार पूनावाला की सनोती प्रॉपर्टीज से यह इंश्योरेंस कंपनी अधिग्रहण करने की घोषणा की।
इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री क्यों?
इंश्योरेंस सेक्टर में रामदेव की एंट्री कोई आश्चर्य की बात नहीं है। भारत में इंश्योरेंस का बाजार अभी भी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। पतंजलि के विशाल नेटवर्क और ब्रांड वैल्यू को देखते हुए यह कदम उनके लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है। पतंजलि के प्रोडक्ट्स पहले से ही देश भर में 2 लाख से ज्यादा काउंटरों और 250 मेगा स्टोर्स पर उपलब्ध हैं। अब इस नेटवर्क का इस्तेमाल इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के लिए भी किया जा सकता है। रामदेव का कहना है कि यह सेक्टर रोमांचक नियामकीय सुधारों से गुजर रहा है, जिसमें 100% FDI खुलने की संभावना भी शामिल है।
अगला कदम क्या होगा?
बाबा रामदेव का अब तक का सफर देखें तो एक बात साफ है—वह रुकने वालों में से नहीं हैं। योग से लेकर एफएमसीजी, डेरी, सोलर और अब इंश्योरेंस तक, हर कदम पर उन्होंने कुछ नया करने की कोशिश की है। तो सवाल यह है कि अगला सेक्टर कौन सा होगा? कुछ जानकारों का मानना है कि वह टेक्नोलॉजी या हेल्थकेयर में बड़ा दांव खेल सकते हैं। शायद एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल चेन या फिर डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म उनकी अगली योजना हो। या फिर शिक्षा के क्षेत्र में कोई क्रांतिकारी कदम, जैसे योग और आयुर्वेद आधारित यूनिवर्सिटी? संभावनाएं अनंत हैं।
बाबा रामदेव की कहानी सिर्फ कारोबार की सफलता की नहीं, बल्कि एक विजन की है। उन्होंने साबित किया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो साधारण शुरुआत से भी असाधारण मुकाम हासिल किया जा सकता है। लेकिन आपके हिसाब से उनका अगला कदम क्या होगा? क्या वह टेक वर्ल्ड में कदम रखेंगे या हेल्थकेयर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे? अपनी राय जरूर बताएं, क्योंकि रामदेव की अगली चाल पर सबकी नजरें टिकी हैं!