NTI (मोहन भुलानी): लखनऊ का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है और दिमाग में तस्वीर उभरती है नाज़ुक सॉफ्ट टुंडे कबाब की। यह शहर न केवल अपनी तहज़ीब और संस्कृति के लिए मशहूर है, बल्कि यहाँ के व्यंजनों ने भी दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। लखनऊ के कबाबों का ज़िक्र हो और टुंडे कबाब का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। यह कबाब न केवल अपने स्वाद के लिए जाने जाते हैं, बल्कि इसके पीछे छिपी कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है।
टुंडे कबाब का नाम उस शख्स के नाम पर पड़ा, जिन्होंने अपने जुनून और हौसले से इसे अमर बना दिया। कहा जाता है कि 19वीं सदी में हाजी मुराद अली नाम के एक शख्स ने छत पर पतंग उड़ाते हुए अपना बायाँ हाथ खो दिया। इसके बाद वे “टुंडे” (एक हाथ वाले) के नाम से जाने गए। लेकिन इस घटना ने उनके जुनून को कम नहीं किया। उन्होंने अपने कुकिंग के पैशन को और भी निखारा और एक ऐसी रेसिपी तैयार की, जो आज भी लोगों के दिलों पर राज करती है। टुंडे कबाब की खासियत है उसका नरम और मसालेदार स्वाद, जो इसे दुनिया भर में मशहूर बनाता है।
कबाबों की बात हो और गलौटी कबाब का ज़िक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। गलौटी कबाब, जो मुलायम मसालेदार मीट से बनता है, अपनी बनावट और स्वाद के लिए जाना जाता है। यह कबाब नवाबी दावतों का अहम हिस्सा रहा है। इसी तरह, काकोरी कबाब भी लखनऊ की शान है। यह कबाब अपनी सुगंध और मसालों के मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह कबाब मुगल बादशाहों के लिए तैयार किया गया था और इसकी रेसिपी को गुप्त रखा गया था।
लखनऊ के व्यंजनों में शीरमल और बिरयानी का भी विशेष स्थान है। शीरमल, जो एक प्रकार की मीठी रोटी है, कबाबों के साथ परोसी जाती है। यह न केवल स्वाद में बल्कि बनावट में भी अनूठी होती है। वहीं, लखनवी बिरयानी अपने खुशबू और स्वाद के लिए जानी जाती है। यह बिरयानी न केवल मसालों से भरपूर होती है, बल्कि इसे बनाने की विधि भी बेहद खास होती है।
लखनऊ के व्यंजनों का स्वाद केवल खाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक अनुभव है। यहाँ के कबाब, बिरयानी और शीरमल न केवल पेट को संतुष्ट करते हैं, बल्कि आत्मा को भी तृप्त कर देते हैं। लखनऊ की गलियों में घूमते हुए जब आप टुंडे कबाब की दुकान पर पहुँचते हैं, तो उसकी खुशबू आपको अपनी ओर खींच लेती है। यहाँ के व्यंजनों में न केवल मसालों का मिश्रण है, बल्कि इतिहास और संस्कृति का भी समावेश है।
चाहे टुंडे कबाब हों, गलौटी कबाब, काकोरी कबाब, या फिर लखनवी बिरयानी, हर व्यंजन का अपना एक अलग स्वाद और कहानी है। लखनऊ का हर निवाला आपको एक नए अनुभव से रूबरू कराता है। तो अगली बार जब आप लखनऊ जाएँ, तो इन व्यंजनों का स्वाद ज़रूर चखें और इस शहर की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें।
लखनऊ का स्वाद न केवल खाने में है, बल्कि यह उस शहर की आत्मा में बसा हुआ है, जो हर निवाले के साथ आपको अपनी ओर खींचता है।