नैनीताल, NTI: कुमाऊं विश्वविद्यालय का 19वां दीक्षांत समारोह डीएसबी परिसर, नैनीताल में आयोजित किया गया। समारोह में 89 विद्यार्थियों (63 प्रतिशत छात्राओं) को असाधारण उपलब्धियों के लिए पदक प्रदान किए गए, जबकि 201 पीएचडी शोधार्थियों (66 प्रतिशत छात्राओं) और 19,570 स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों को उपाधि और स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में कला और रंगमंच के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाने वाले अभिनेता ललित मोहन तिवारी को डी-लिट और शिक्षा-शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रोफेसर डीपी सिंह को डीएससी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि राज्यपाल एवं कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और शोधार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह समारोह केवल डिग्रियों का वितरण नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति समर्पण और भविष्य के एक नए पड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि युवा पीढ़ी भारत को “विकसित राष्ट्र” बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा पीएम उषा योजना के अंतर्गत कुमाऊं विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है, जो विश्वविद्यालय और राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की संस्कृति और पहाड़ी बोलियों के संरक्षण के लिए प्राथमिक विद्यालयों में कुमाऊंनी, गढ़वाली और जौनसारी बोलियों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय देश का पहला संस्थान है जिसने परीक्षा सामग्री की गोपनीय छपाई के लिए पारदर्शी और मितव्ययी ओपन टेंडर प्रक्रिया लागू की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने नेशनल इंस्टिट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में 51-100 श्रेणी में स्थान प्राप्त किया, जबकि फार्मेसी विभाग ने 62वां राष्ट्रीय स्थान हासिल किया।
कुलपति ने बताया कि शोध को प्रोत्साहित करने के लिए आंतरिक शोध निधि की स्थापना की गई है, जिसके तहत 65 शिक्षकों को 1.25 करोड़ रुपये का वित्तीय अनुदान दिया गया। इसके अलावा, टैलेंट हंट नामक विशेष वित्तीय सहायता कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसका वार्षिक बजट 30 लाख रुपये है। समारोह के दौरान विद्यार्थियों और शोधार्थियों में उत्साह और नई ऊर्जा देखने को मिली।