NTI: देहरादून शहर की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक, रिस्पना -बिंदाल एलिवेटेड रोड, अब बजटीय और तकनीकी चुनौतियों के कारण धीमी गति से आगे बढ़ रही है। 6,252 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को शहर के यातायात जाम से निजात दिलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन अब सरकारी मशीनरी इस पर फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। परियोजना की उच्च लागत, बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण और 1,700 से अधिक स्थायी व अस्थायी ढांचों को हटाने की आवश्यकता इसकी प्रगति में बाधक बन रही है।
रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारों पर 26 किलोमीटर लंबी दो एलिवेटेड रोड का निर्माण प्रस्तावित है। यह परियोजना शहर के यातायात को सुगम बनाने और यातायात जाम की समस्या को कम करने के लिए तैयार की गई है। लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) ने अगस्त 2024 में परियोजना के पहले चरण को पूरा कर लिया था, लेकिन अब इसकी गति धीमी हो गई है।
आइआइटी रुड़की द्वारा किए गए तकनीकी अध्ययन और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि परियोजना की डिजाइन सुरक्षित और उपयुक्त है। हालांकि, नदियों के अधिकतम बहाव की स्थिति में संरचनाओं पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अभी भी सावधानी बरती जा रही है।
चुनौतियां और बाधाएं
परियोजना के रास्ते में कई बड़ी चुनौतियां सामने आई हैं। इनमें सबसे प्रमुख है 103 हेक्टेयर से अधिक सरकारी और निजी भूमि का अधिग्रहण। इसके अलावा, 1.2 हेक्टेयर वन भूमि और नदी किनारे बसी मलिन बस्तियों का अतिक्रमण भी एक बड़ी समस्या है। इन बस्तियों में वोट बैंक की राजनीति भी शामिल है, जिसके कारण सरकारी मशीनरी को सावधानी से कदम उठाने पड़ रहे हैं।
इसके अलावा, परियोजना क्षेत्र में आने वाले 1,700 से अधिक ढांचों को हटाने की आवश्यकता है, जिनमें से अधिकांश अतिक्रमण के कारण बने हैं। सरकारी तंत्र इन सभी मुद्दों पर संतुष्ट होने के बाद ही परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला करेगा।
बजट की बड़ी चुनौती
6,252 करोड़ रुपये की इस परियोजना को लेकर सरकारी तंत्र आत्मविश्वास से भरा नहीं दिख रहा है। उत्तराखंड जैसे सीमित संसाधनों वाले राज्य के लिए इतनी बड़ी धनराशि का प्रबंध करना एक बड़ी चुनौती है। इस परियोजना का स्वरूप केंद्र की अन्य मेगा सड़क परियोजनाओं से अलग है, जहां टोल प्लाजा के माध्यम से शुल्क वसूल कर धन जुटाया जा सकता है।
परियोजना के मुख्य बिंदु
- बिंदाल नदी:
- शुरुआती स्थल: कारगी चौक (हरिद्वार बाईपास रोड)
- अंतिम स्थल: राजपुर रोड (साईं मंदिर के पास)
- लंबाई: 14.8 किमी
- चौड़ाई: 20.2 मीटर (रैंप 6.5 मीटर)
- कुल लागत: 3,743 करोड़ रुपये
- रिस्पना नदी:
- शुरुआती स्थल: रिस्पना पुल (विधानसभा के पास)
- अंतिम स्थल: नागल पुल (नागल)
- लंबाई: 10.946 किमी
- चौड़ाई: 20.2 मीटर (रैंप 6.5 मीटर)
- कुल लागत: 2,509 करोड़ रुपये
रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना शहर के यातायात को सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन इसकी राह में आने वाली चुनौतियों के कारण इसे धरातल पर उतारने में अभी समय लग सकता है। सरकारी मशीनरी हर पहलू पर गहन विचार कर रही है, ताकि परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके। शहरवासियों को यातायात राहत के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।