पतंजलि, फ्लिपकार्ट और अमूल समेत 40 कंपनियां अब प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत लोन बांटेंगी. वित्त मंत्रालय ने इन कंपनियों के साथ करार किया है. वित्तीय सेवा विभाग ने जिन कंपनियों के साथ समझौता किया है, उनमें अमेजन, ओला, बिग बास्केट, कार ऑन रेंट, मेक माई ट्रिप, जोमैटो, मेरु कैब, मुथूट, एडलवाइस और हबीब सैलून भी शामिल हैं.
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत छोटे कारोबारियों को लोन देने के लिए अब फ्लिपकार्ट, पतंजलि, स्विगी और अमूल जैसी 40 कंपनियों के साथ करार किया है. यह सभी कंपनियां बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती हैं. योजना के अंतर्गत लोन देने के लिए लोगों की पहचान करने के क्रम में मंत्रालय 23 मई को मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है, जहां आने वाले कारोबारियों या फिर लोन के हकदार लोगों को ऋण दिया जाएगा.
वित्तीय सेवा विभाग ने जिन कंपनियों के साथ करार किया है, उनमें अमेजन, ओला, बिग बास्केट, कार ऑन रेंट, मेक माई ट्रिप, जोमैटो, मेरु कैब, मुथूट, एडलवाइस और हबीब सैलून भी शामिल हैं. वित्तीय सेवा विभाग का कहना है कि इसके साथ ही पतंजलि, फ्लिपकार्ट, अमेजन, उबर, ओला, ओयो, अमूल और जोमैटो जैसी कंपनियों की रिटेल फ्रेंचाइजी/ट्रांसपोर्ट सॉल्युशंस/सप्लायर्स को मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक लोन देने के मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा. बता दें कि बीते वित्त वर्ष में मुद्रा योजना के तहत 2.53 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था, जबकि पिछले तीन साल के दौरान 5.73 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है.
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने इस बारे में कहा, ‘हमने सबसे बड़ी जॉब क्रिएटर के तौर पर लगभग 40 कंपनियों की पहचान की है. ये कंपनियां ऐसे लोगों की पहचान करेंगी, जिन्हें मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन की जरूरत है. कंपनियां उनके लिए ऋण देने की हामी भरेंगी और फिर जरूरतमंद को इस योजना के तहत लोन दे दिया जाएगा.’ राजीव कुमार ने आगे कहा कि जिन लोगों को मुद्रा योजना के तहत लोन की जरूरत है, वह सीधे बैंक से भी संपर्क कर सकते हैं. कुमार कहते हैं कि इस कदम से वित्तीय सेवा विभाग की कोशिश है कि जरूरतमंद कारोबारियों को अपने व्यापार को विस्तार देने के लिए लोन मिल सके. गौरतलब है कि 8 अप्रैल, 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को लॉन्च किया था. इस योजना के तहत नॉन-कॉरपोरेट, नॉन-फार्म (गैर-कृषि) छोटे एवं मझले उद्योगों को बढ़ावा देने के मकसद से 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध करवाया जाता है.