(NTI, Dehradun): उत्तराखंड में भू-कानून के उल्लंघन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती अब असर दिखाने लगी है। दिसंबर 2024 के पहले पखवाड़े तक भू-कानून उल्लंघन के 279 मामले सामने आए, जिनमें से 243 पर मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। खास बात यह है कि तीन माह की अवधि में बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में छह मामलों के तहत तीन हेक्टेयर से अधिक भूमि को सरकारी नियंत्रण में लिया गया है। अन्य जिलों में भी यह कार्रवाई जारी है।
सितंबर 2024 में भू-कानून के उल्लंघन की शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जांच में नगर निकाय क्षेत्रों में बिना अनुमति के 250 वर्गमीटर भूमि की खरीद, 12.5 एकड़ से अधिक भूमि की अनुमति लेकर खरीद और कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि खरीद में अनियमितताएं सामने आईं।
इसके बाद, शासन ने जिलाधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट देने और गड़बड़ियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। रिपोर्ट के अनुसार, 550 से अधिक प्रकरणों में नोटिस जारी किए गए। 11 दिसंबर, 2024 तक प्राप्त रिपोर्ट में सामने आया कि 13 जिलों में भूमि खरीद के 1495 मामलों में अनुमति दी गई, जिनमें से 279 मामलों में भू-कानून का उल्लंघन पाया गया।
चमोली में 3, बागेश्वर में 5, उत्तरकाशी में 8, टिहरी में 6, पौड़ी में 14, ऊधम सिंह नगर में 37, अल्मोड़ा में 24, नैनीताल में 79, हरिद्वार में 25 और देहरादून में 78 मामलों में भू-कानून का उल्लंघन हुआ। इनमें से पौड़ी में 5, अल्मोड़ा में 8, हरिद्वार में 22 और देहरादून में 70 मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए।
इसके अलावा, अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल में 1-1 मामले में कुल 3.006 हेक्टेयर भूमि को सरकार में निहित किया गया है। अभी भी जिलों में कार्रवाई जारी है, और राजस्व विवादों के निपटारे के बाद बड़ी मात्रा में भूमि सरकार के अधीन आ सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है:
“प्रदेश में भू-कानून का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। अब तक जिन मामलों में ऐसा हुआ है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इससे भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस नहीं करेगा। सरकार जल्द ही सख्त भू-कानून लागू करेगी।”