Friday, November 14, 2025
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‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ – उत्तराखण्ड में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का नया अध्याय

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा नई दिल्ली में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ आउटलेट के उद्घाटन ने राज्य की सांस्कृतिक और आर्थिक संभावनाओं को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह पहल न केवल उत्तराखण्ड के पारंपरिक और जैविक उत्पादों को एक संगठित मंच प्रदान करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और स्थानीय कारीगरों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में भी एक दूरदर्शी प्रयास है।

‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड की स्थापना उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति, हस्तशिल्प और प्राकृतिक उत्पादों को देश-विदेश तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है। बुरांश का शरबत, जंगली शहद, पहाड़ी दालें और हस्तनिर्मित वस्त्र जैसे उत्पाद न केवल उत्तराखण्ड की पहचान हैं, बल्कि ये स्थानीय समुदायों की आजीविका का आधार भी हैं। इस ब्रांड के जरिए इन उत्पादों को अमेज़न, ब्लिंकिट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और ताज, हयात, मैरियट जैसे प्रतिष्ठित होटलों में उपलब्ध कराया जाना एक स्वागतयोग्य कदम है। यह न केवल उत्पादकों को नए बाजार प्रदान करता है, बल्कि सतत पर्यटन और आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार करता है।

मुख्यमंत्री धामी की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्थानीय कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। चारधाम यात्रा और अन्य पर्यटन स्थलों पर रिटेल कार्ट्स और फ्लोर स्टैंडिंग यूनिट्स की स्थापना से श्रद्धालु और पर्यटक सीधे स्थानीय उत्पादों से जुड़ रहे हैं। यह कदम न केवल पर्यटकों को उत्तराखण्ड की समृद्ध विरासत से परिचित कराता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को रोजगार और आय के नए अवसर भी प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में प्रस्तुत इस ब्रांड की अवधारणा ने कम समय में ही अपनी गुणवत्ता और विशिष्टता के बल पर विशेष पहचान बना ली है। दिल्ली हाट, नैनी सैनी और पंतनगर एयरपोर्ट जैसे स्थानों पर इसकी उपस्थिति उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दे रही है।

हालांकि, इस पहल की सफलता के लिए कुछ चुनौतियों पर भी ध्यान देना होगा। स्थानीय उत्पादकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और आधुनिक विपणन तकनीकों के लिए प्रशिक्षित करना, उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखना और आपूर्ति श्रृंखला को और सुदृढ़ करना आवश्यक है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना होगा कि इस पहल का लाभ राज्य के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों तक पहुंचे, जहां कारीगर और किसान संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।

‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह पहल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी, बल्कि उत्तराखण्ड की अनूठी पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सरकार, स्थानीय समुदायों और निजी क्षेत्र की साझेदारी इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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