Thursday, February 20, 2025
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धर्मनगरी हरिद्वार में मौनी अमावस्या स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी

NTI: हरिद्वार में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गंगा के तट पर आस्था की डुबकी लगाई और दान-पुण्य कर सुख-समृद्धि की कामना की। शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर मां गंगा में स्नान करने और दान करने से कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन गंगा स्नान से पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए देर रात से ही श्रद्धालुओं का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया था। गंगा स्नान के लिए गंगा घाटों पर सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि माघ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। विशेष बात यह है कि प्रयागराज में कुंभ के दौरान पड़ने वाली इस अमावस्या में विशेष योग बन रहा है। इस योग में स्नान करके जप, तप, दान आदि करने से वह कई गुना हो जाता है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान करने के बाद अपने ब्राह्मण या किसी पुरोहित को तिल मिश्रित मिठाई, कंबल, ऊनी वस्त्र, चावल आदि का दान करें। जो व्यक्ति आज अपने पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करता है, वह अपने पितरों को मोक्ष देता है, पितृ दोष से मुक्त हो जाता है और उसके पितृ उसे सात पीढ़ियों तक पुत्र-पौत्र आदि का आशीर्वाद देकर भगवान नारायण में समाहित हो जाते हैं।
माघ मास की मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। हरकी पौड़ी और अन्य गंगा तटों पर लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। वहीं, पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
धार्मिक महत्व
मौनी अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन रहने की परंपरा है जिसका अर्थ है कि व्यक्ति को चुप रहना चाहिए। मौन रहकर आत्म-नियंत्रण और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।
आध्यात्मिक लाभ
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने से मन की शुद्धि होती है और आत्म-संयम का अभ्यास होता है।  इस दिन ध्यान और मंत्र जप करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक प्रगति होती है।
पितृ दोष निवारण
इस दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है। यह कार्य पितृ दोष को दूर करने में मददगार माना जाता है और पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है।
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