Monday, December 23, 2024
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MSME कॉन्क्लेव 2024: देहरादून बना आत्मनिर्भर भारत का डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग केंद्र

देहरादून: भारतीय रक्षा मंत्रालय की प्रोडक्शन विंग द्वारा देहरादून में आयोजित डिफेंस एमएसएमई कॉन्क्लेव ने देश में स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा देने और भारतीय सेना की उपयोगिता में घरेलू उत्पादों को शामिल करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड रीजन के 70 से अधिक एमएसएमई उद्यमियों ने भाग लिया।

कॉन्क्लेव का उद्देश्य देश की इकोनॉमी को मजबूती देने के साथ-साथ सेना के क्षेत्र में छोटे और मध्यम उद्योगों की सेवाओं का अधिकतम उपयोग करना था। इसके तहत रक्षा मंत्रालय ने उन एमएसएमई उद्यमियों को आमंत्रित किया, जो सेना के लिए उत्पाद तैयार करते हैं या इसमें योगदान देने की संभावना रखते हैं।

इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड के चीफ जनरल मैनेजर विपुल कुमार सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड में तैयार किए गए 300 से अधिक रक्षा उपकरणों में कई प्रमुख स्वदेशी प्रोडक्ट शामिल हैं। इनमें मिसाइल लॉन्चर के बैलिस्टिक मैकेनिज्म और आर्म्ड व्हीकल्स के लिए मिसाइल इंफॉर्मेशन ब्लॉक जैसे अत्याधुनिक उपकरण शामिल हैं।

विपुल कुमार सिन्हा ने बदलती वैश्विक परिस्थितियों में स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत की सोच को ध्यान में रखते हुए, इस तरह के कार्यक्रम क्षेत्रीय एमएसएमई को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

iDEX के तहत स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन

कार्यक्रम में DIO के सीनियर अधिकारी विवेक विरमानी ने iDEX (इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस) की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर स्टार्टअप्स और उद्योगों के लिए डिफेंस सेक्टर से जुड़ने की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। इसके अलावा, रक्षा से जुड़ी इंडस्ट्री के लिए कई सुविधाएं और रिलैक्सेशन प्रदान किए जाते हैं।

डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग जैसे खास उद्योग में एमएसएमई की भागीदारी न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

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