नयी दिल्ली : फेसबुक वोटर डेटा लीक मामले में खुलासों का दौर जारी है. इस मामले को दुनिया के सामने लाने वाले व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफर विली ने भारत एक और खुलासा किया है. विली ने कहा है कि उसके पूर्ववर्ती डैन मर्सियन को भारत के एक अरबपति ने पैसे दिये थे, ताकि कांग्रेस चुनाव हार जाये. विली ने यह भी दावा किया है कि कांग्रेस, कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी की क्लाइंट रह चुकी है. यह वही कंपनी है, जिस पर फेसबुक के 5 करोड़ यूजर्स के डेटा चुराने के आरोप हैं. हालांकि, डेटा एनालिटिका का कहना है कि क्रिस्टोफर कंपनी के लिए कांट्रैक्ट पर काम करते थे और उन्हें कंपनी के कामकाज के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है.
फेसबुक डेटा लीक का खुलासा करने वाले क्रिस्टोफर वायली ने ब्रिटिश पार्लियामेंट की डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट्स कमेटी के सामने जो कल बयान दिया वह बेहद सनसनीखेज बयान था. लेकिन भारतीय मीडिया ने उस बयान का सिर्फ वह हिस्सा दिखाया जिसे उसे बताने को बोला गया. क्रिस्टोफर वायली एक डेटा साइंटिस्ट और साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग के एक्सपर्ट हैं. वायली कैंब्रिज एनालिटिका के रिसर्च हेड रहे हैं उन्होंने कहा कि “भारत में बड़े पैमाने पर काम किया. उनके पास भारत में एक कार्यालय है और विली ने यह भी कहा कि ‘मेरा मानना है कि उनका क्लाइंट कांग्रेस था.”
लेकिन उसके बाद जो वायली ने कहा वह छिपा लिया गया उन्होंने अपने पूर्ववर्ती मुरेशन के बारे में यह सनसनीखेज खुलासा किया कि “उनकी मृत्यु केन्या के एक होटल के कमरे में जहर देने से हुई और इस मौत को दबा दिया गया, और स्थानीय पुलिस को भी उस होटल के कमरे में 24 घंटों तक नहीं जाने दिया गया.” दरअसल मुरेशन, वायली से पहले उसी पद पर कार्य कर रहे थे जिसे उनकी मृत्यु के बाद में वायली को सौपा गया. वायली के अलावा जांच में अहम भूमिका निभाने वाले एक अन्य डाटा प्रोटेक्शन विशेषज्ञ ओलिवेर पॉल ने कहा कि “उन्होंने रिपोर्ट सुनी है कि मूरेशन को एक भारतीय अरबपति ने डबल गेम खेलने के लिए पैसे दिए थे मुरेशन सिर्फ दिखावे के लिये कांग्रेस के पक्ष में काम कर रहा था लेकिन वास्तव में वह उस अरबपति के कहने पर कांग्रेस को हराने के लिए के काम कर रहा था.”
पॉल ने कहा कि ‘भारत की रिपोर्टों के मुताबिक, जाहिरा तौर पर उन्हें वास्तव में एक भारतीय अरबपति द्वारा भुगतान किया गया था जो वास्तव में कांग्रेस को हराना चाहता था. इसलिए वह एक पार्टी के लिए काम करने का नाटक कर रहा था लेकिन वास्तव में मुरेशन को अन्य लोगों द्वारा भुगतान किया गया था.’ अब ऐसे व्यक्ति को केन्या के एक होटल में जहर दे कर मार दिया जाता है और कोई आवाज तक नही उठाता यह केस हमारे यहाँ के एक सीबीआई के जज की संदिग्ध मृत्यु से कितना मिलता जुलता लगता है.
वायली ने केम्ब्रिज एनलिटिका जैसी कम्पनियो की मोडस ऑपरेंडी को लेकर भी एक खुलासा किया उसने कहा कि “नाईजीरिया में चुनाव के समय कनाडा की कंपनी एग्रेगेट आईक्यू ने लोगों भयभीत करने के लिए हिंसक वीडियो वायरल किए थे.”