उत्तराखंड को इस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग 2018 की लिस्ट में 11वां स्थान हासिल हुआ है। उत्तराखंड में व्यापार को आसान बनाने की दिशा में किए गए काम के लिए 98.10% अंक मिले हैं। वहीं लोगों की फीडबैक में60.89% अंक मिले हैं। जिसके आधार पर उत्तराखंड को कुल 94.21% अंक मिले हैं।
पिछले साल से दो पायदान नीचे लुढ़कने से उत्तराखंड में निवेशक करने वालों के अंदर हिचकिचाहट जरूर पैदा होगी। किसी भी राज्य में कोई भी निवेशक तभी व्यापार करने की सोचेगा, जब वहां पर व्यापार करना आसान होगा। ऐसी स्थिति में 2 रैंकिंग का नुकसान उत्तराखंड के लिए महंगा भी साबित हो सकता है।
इस रैंकिंग के हैं कई फायदे
विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की सर्वे रैंकिंग को निवेशक बड़ी ही गंभीरता से लेते हैं। निवेशकों को किस राज्य में निवेश करना है और कहां नहीं, इसके लिए यह रैंकिंग देखी जाती है। निवेशक रैंकिंग के जरिये क्षेत्र का चयन करते हैं। ऐसे में उत्तराखंड का इस रैंकिंग में 2 अंक गिरना राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय है। उसकी रैकिंग पिछले बार से खराब हुई है। इसका असर कहीं ना कहीं उत्तराखंड में बाहर से आने वाले निवेशकों पर जरूर देखने को मिलेगा।
मापदंड भी प्रमुख
बता दें कि इस बार विश्व बैंक ने प्रमुखता से दो मापदंडों के आधार पर सर्वे किया है। जिसमें एक तो व्यापार को आसान बनाने की दिशा में किए गए काम और दूसरा फीडबैक है। जिन लोगों ने सुविधाओं का लाभ लिया है। उनसे भी फीडबैक लिया गया है।
रैंकिंग का उद्देश्य
सरकार के इस कदम का उद्देश्य राज्यों के बीच निवेश को आकर्षित करने और व्यापार के माहौल को लेकर स्पर्धा को बढ़ाना है। राज्य सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैकिंग को सुधारने के लिए जटिल प्रकियाओं को खत्म करके सिंगल विंडो सिस्टम पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से निर्धारित मानकों में कंस्ट्रक्शन परमिट,श्रमिकों का नियमन, पर्यावरण रजिस्ट्रेशन, सूचनाओं तक पहुंच, भूमि की उपलब्धता और सिंगल विंडो सिस्टम शामिल है।