आम बिजली उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान न कर पाए तो विद्युत विभाग तुरंत उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर देता है, नोटिस जारी कर दिया जाता है और कनेक्शन काटने में भी कोई हिचक नहीं होती. लेकिन राज्य में बड़े बकाएदारों के लिए उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानि यूपीसीएल का एकदम अलग पैमाना बनाया है. इन बड़े बकाएदारों पर एक से तीन लाख रुपये तक के बकाया हैं. यूपीसीएल ने ऐसे 1735 बकाएदारों की सूची जारी की है. ख़ास बात है कि इनमें बहुत सारे सरकारी विभाग हैं.
उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन यानि यूपीसीएल ने अपने 1735 बड़े डिफाल्टर बकाएदारों की सूची सार्वजनिक की है जिन पर करोड़ों रुपये बकाया हैं. एक लाख रुपये से अधिक के विद्युत बकाएदारों की डिफाल्टरों सूची विभाग की वेबसाइट www.upcl.org डाली है.
लेकिन सवाल यह है कि कई-कई महीने तक इनसे बिजली का बिल वसूला क्यों नहीं गया और उसे इतना क्यों बढ़ने दिया गया. इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि सरकार ने बड़े पैमाने पर वसूली की है और सरकार के राजस्व में 200 करोड़ रुपये से अधिक आए हैं. सीएम ने यह भी दावा किया कि सरकार ने कई बड़े लीकेज पॉएंट को तलाशा है जिसकी वजह से यह उपलब्धि हासिल हुई है.
यूपीसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर बीसीके मिश्रा कहते हैं कि बकाया वसूली के लिए विभाग एक मुहीम शुरू करने जा रहा है. इसके तहत संबंधित जिलाधिकारी को लिस्ट भेजी जाएगी और बकाया वसूल किया जाएगा. मिश्रा कहते हैं कि जो लोग बड़ी रकम एक साथ नहीं दे सकते उनके लिए बकाया बिल किस्तों में चुकाने का विकल्प भी है.
लेकिन सरकारी विभागों से कैसे बकाया वसूला जाएगा? इस सवाल के जवाब में मिश्रा का कहना था सरकारी विभागों से वसूली बजट के माध्यम से हो जाती है और कम ही सरकारी विभाग है जिन पर बकाया है.