अपनी ऐतिहासिक संस्कृति,परम्परा और सभ्यता के कारण गढ़वाल क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखने वाला टिहरी जिला अब उत्तराखंड की राजनीति में अलग पहचान बनाने जा रहा है. त्रिवेंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के तहत टिहरी जिले में कैबिनेट बैठक होने जा रही है जो कि 16 मई को प्रस्तावित है. टिहरीवासियों को भी इससे ख़ासी उम्मीद है.
टिहरी की पहचान अब टिहरी डैम और सकी 42 किलोमीटर लंबी झील से है. कभी अभिशाप मानी जाने वाली यह झील अब वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का हब बनने जा रही है. दूर दराज से वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन टिहरी का रुख कर रहे हैं. राज्य सरकार के टिहरी को पर्यटन की दृष्टि से विश्व मानचित्र पर पहचान दिलाने की कोशिश कर रही है. राज्य कैबिनेट की बैठक टिहरी में 16 मई को प्रस्तावित है. हालांकि अभी जगह तय नहीं हुई है. कहा जा रहा है कि टिहरी झील पर तैरती हुई मरीना या फिर झील के पास ही कैबिनेट की बैठक किए जाने की तैयारियां चल रही हैं.
टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी 16 मई को होने वाले कैबिनेट की बैठक को लेकर उत्साहित हैं.. वह कहते हैं कि इससे टिहरी झील को पर्यटन की दृष्टि से भी अलग पहचान मिलेगी और उत्तराखंड की राजनीति में भी ये निर्णय एतिहासिक होगा. इससे पहले हरीश रावत सरकार में टिहरी झील में कैबिनेट बैठक करने की कोशिश की गई थी लेकिन 15 -16 अक्टूबर 2017 में प्रस्तावित यह बैठक किन्ही कारणों के चलते टल गई थी. इस बार यह बैठक होना तय माना जा रहा है तो स्थानीय लोगों को उम्मीद बंधी है कि यह कैबिनेट बैठक टिहरी के विकास में मील का पत्थर साबित होगी.