नई दिल्ली: राजधानी की जेलों में बंद कुख्यात बदमाश धड़ल्ले से मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं. अपराधी फोन के जरिए रंगदारी मांगने से लेकर हत्या का निर्देश दे रहे हैं. जानकारी के मुताबिक तिहाड़ जेल में निगरानी के लिए जैमर लगा है बावजूद इसके फोन का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. तिहाड़ प्रशासन को समय-समय पर स्पेशल सेल ऐसी इनपुट देती रहती है.
नीरज बवाना लेता है फोन का सहारा
जानकारी के अनुसार तिहाड़ सहित मंडोली और रोहिणी जेल से भी समय-समय पर अपराधियों द्वारा मोबाइल से कॉल करने के मामले सामने आते रहे हैं. नीरज बवाना जैसा कुख्यात बदमाश जेल से ही अपना गैंग चला रहा है. वहां से ही वो कई बार कारोबारियों को रंगदारी के लिए धमका चुका है. जेल से जब उसकी कॉल जाती है तो कारोबारी भी डरकर रंगदारी दे देते हैं.
कारोबारी ऐसे मामलों की शिकायत तक नहीं करते हैं. स्पेशल सेल को यह भी पता चला है कि नीरज बवाना जेल से ही फोन कॉल कर अपने गुर्गों को निर्देश भी देता है. नीरज के पास से पहले भी जेल प्रशासन ने मोबाइल बरामद किया था.
मंडोली जेल से ही दिया हत्या का निर्देश
हाल ही में स्पेशल सेल ने चंद्रभान नामक बदमाश को गिरफ्तार किया जो मंडोली जेल में बंद था. उसने जेल में रहते हुए ही अपने दो गुर्गों को अपने विरोधी की हत्या के लिए निर्देश दिए. इसके साथ ही उसने रंगदारी नहीं देने वाले शख्स को भी मौत के घाट उतारने के लिए कहा.
हालांकि इसकी भनक स्पेशल सेल को लग गई. स्पेशल सेल ने पहले दोनों गुर्गों को गिरफ्तार किया और फिर उनके सरगना को मंडोली जेल से गिरफ्तार किया.
मंडोली जेल से फरार हुआ बदमाश
बीते वर्ष भी मंडोली जेल में बैठकर ही संदीप नामक बदमाश ने पुलिस हिरासत से फरार होने की साजिश रची. उसने मोबाइल से अपने गुर्गों को पूरा प्लान समझाया. वो मौलाना आजाद अस्पताल में उपचार करवाने के बहाने आया जहां उसके गुर्गे पहले से तैयार थे. पुलिसकर्मियों की आंख में मिर्ची झोंककर वे फरार हो गए.
इस घटना को लगभग एक साल बीत चुका है और फरार हुआ आरोपी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सका है.
इस्तेमाल रोकने के लिए करते हैं प्रयास
तिहाड़ जेल में कोई कैदी मोबाइल इस्तेमाल न करे इसके लिए जेल प्रशासन पूरा प्रयास करता है. जेल परिसर में जैमर लगाने के साथ समय-समय पर कैदियों की तलाशी ली जाती है. इसके साथ ही स्पेशल सेल से भी सहयोग मांगा जाता है जो टेक्निकल सर्विलांस के जरिए ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कौन से बदमाश जेल से मोबाइल इस्तेमाल करते हैं.