उत्तरकाशी : सीमांत जनपद उत्तरकाशी के कलक्ट्रेट भवन को पहाड़ी शैली के अनुरूप बनाने का कार्य चल रहा है। राज्य में पहाड़ी शैली और संस्कृति को दर्शाता यह पहला कलक्ट्रेट भवन होगा। मंगलवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने पहाड़ी शैली में किए जा रहे कार्य का निरीक्षण किया तथा प्रथम चरण के कार्य को 15 मार्च से पहले पूरा करने के निर्देश दिए।
दरअसल कई राज्यों के जिलों में जिलाधिकारी कार्यालय का भवन स्थानीय शैली में निर्मित है। लेकिन, उत्तराखंड के जनपदों के कलक्ट्रेट भवन पहाड़ी शैली में नहीं बने हुए हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने उत्तरकाशी के कलक्ट्रेट भवन को पहाड़ी शैली का स्वरूप देने की पहल की है। जिसमें पहले चरण में तिबारी, निमदारी, छज्जा, जंगलादार, बाखली, खोली, मोरी का निर्माण किया जा रहा है। दूसरे चरण में पठाल की छत का कार्य होना है। इसके अलावा कलक्ट्रेट परिसर में झूली तारें भी भूमिगत की जानी हैं। कलक्ट्रेट के अंदर हर पटल ई-ऑफिस बनाया जा रहा है, जिससे कार्यों में पारदर्शिता आएगी और यह पता भी चल सकेगा कि फाइल किस पटल व किस विभाग के पास लंबित है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने पहाड़ी शैली में हो रहे कार्य का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सही गुणवत्ता के साथ तेजी से कार्य करें। जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तरकाशी कलक्ट्रेट पहाड़ की भवन शैली और संस्कृति का मॉडल होगा। कलक्ट्रेट में स्थित सिगल विडो सिस्टम में पंजीकरण कराने के लिए देश विदेश के पर्यटक आते हैं। वे पर्यटक भी पहाड़ी शैली के भवन का दीदार कर सकते हैं। साथ ही होम स्टे के संचालक भी अपने पुराने घरों को इसी रूप में तैयार कर सकेंगे। इसके अलावा कलक्ट्रेट के अंदर सभी पटलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, जिससे आमजन के कार्य और उनकी समस्याओं का निस्तारण भी त्वरित गति से हो सकेगा।