नई दिल्ली: इस्लामिक मुफ्तियों के एक वर्ग ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) शरिया के मुताबिक ‘अवैध’ है, क्योंकि योजना के हिस्से के रूप में ब्याज अर्जित किया जाता है.
जमीयत उलेमा ए हिन्द के मीडिया प्रभारी अजीमुल्लाह सिद्दीकी ने बताया कि इस हफ्ते की शुरूआत में संगठन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में बच्चियों के लिए चलाई जा रही छोटी बचत योजना पर यह प्रस्ताव पारित किया गया. सिद्दीकी ने बताया कि एसएसवाई ब्याज पर आधारित है, इसलिए यह इस्लामिक शरिया के अनुसार अवैध है.
नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत यह योजना आरंभ की थी. एक अन्य प्रस्ताव में विभिन्न मोबाइल ऐप के जरिये आर्थिक लेनदेन को अनुमति प्रदान की गयी. शरिया के मुताबिक कैशबैक या रिवार्ड प्वाइंट और ऐप से कैब बुकिंग करने को वैध करार दिया गया. इसी प्रस्ताव में कहा गया मुफ्तियों ने घोषणा की कि वैध वस्तुओं के विज्ञापन के लिए गुगल एडसेंस के उपयोग किया जाना उचित है.