आपको बता दें कि केदारनाथ में भगवान शिव की स्थापना भी शंकराचार्य ने ही की थी। आपदा के वक्त उनका यह स्थान पूरी तरह से तबाह हो गया था। अब केदारनाथ के पुनर्निर्माण के काम के बाद राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंकराचार्य की समाधि का पूरा ब्लूप्रिंट दिखाने के बाद उस और काम शुरू कर रही है। बताया जा रहा है कि अब तक शंकराचार्य की समाधि का काम शुरू नहीं हुआ था, लेकिन डीएम मंगेश घिल्डियाल की मानें तो समाधि स्थल के लिए तमाम एजेंसियों को काम दे दिए गए हैं और जल्द ही शंकराचार्य की समाधि का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि केदारनाथ में बनने वाले शंकराचार्य की समाधि पर जब लोग जाएं तो उन्हें एक सुखद एहसास हो। शायद यही कारण है कि शंकराचार्य समाधि को जमीन के नीचे अंडर ग्राउंड बनाया जा रहा है। ताकि योग मेडिटेशन और ध्यान लगाने वाले लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो और वह आसानी से यहां पर जितनी देर चाहे ध्यान लगा सकें।
बीते दिनों सीएस उत्पल कुमार सिंह और जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने इस पूरी जानकारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी साझा किया था, जिसके बाद अब जिला प्रशासन का फोकस शंकराचार्य की समाधि पर ही है। इस बार की यात्रा जब चलेगी तो भक्त भले ही शंकराचार्य की समाधि के दर्शन ना कर पाएं, लेकिन आने वाले साल में बाबा केदारनाथ धाम का आकर्षण बढ़ाने के लिए शंकराचार्य की समाधि को भी पूरी तरह से तैयार कर दिया जाएगा।