नई दिल्ली । साल 2020 तक भारत का रियलिटी सेक्टर 180 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है। साल 2015 में यह सेक्टर 126 बिलियन डॉलर के स्तर पर रहा था। यह जानकारी क्रेडाई और जेएलएल की संयुक्त रिपोर्ट में सामने आई है।
इस संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया कि हाउसिंग सेक्टर में निवेश प्रवाह साल 2014 से 59,000 करोड़ रुपए का रहा है, जो कि रियल एस्टेट सेक्टर में हुए कुल निवेश का 47 फीसद है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीडीपी के संदर्भ में आवासीय क्षेत्र का योगदान 2020 तक 11 फीसद के स्तर पर पहुंच जाएगा। क्रेडाई कॉनक्लेव 2018 में रिलीज की गई इस रिपोर्ट में 7 प्रवृत्तियों का पता चलता है जो कि भविष्य में भारत के भीतर अचल संपत्ति कारोबार की दिशा को बदल देगा।
इस रिपोर्ट में कहा गया, “भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के साल 2020 तक 180 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार आकार तक पहुंचने का अनुमान है, जो कि साल 2015 के 126 बिलियन अमेरिकी डॉलर से थोड़ा ज्यादा है।”वहीं जेएलएल ने यह भी अनुमान लगाया कि जीडीपी में भारतीय आवास क्षेत्र का योगदान 2020 तक लगभग दोगुना होकर 11% तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसके बारे में पहले 5 से 6 फीसद का अनुमान लगाया गया था।
आगे इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है। विनियामक सुधार, तेजी से शहरीकरण के कारण उत्पन्न हुई स्थिर मांग, बढ़ती घरेलू आय और सस्ती एवं किफायती आवास योजनाओं की उपलब्धता इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने वाले अहम कारक हैं।