मेरठ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस समय हाई अलर्ट है। इंटेलीजेंस ने सूचना दी थी कि यहां भी निजामुद्दीन मरकज से निकले देश- विदेश के जमातियों की काफी संख्या है। जो धार्मिक स्थलों और उनके आसपास घरों में छिपे हो सकते हैं। इनमें से कई जमाती मार्च के पहले सप्ताह से आ चुके हैं। जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान भी अपने बाहर से आने की सूचना नहीं दी। जिसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
मेरठ जोन में इस समय आठ जिले मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद आते हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जमात में आने वाले देशी- विदेशी जमातियों की ज्यादा आवाजाही वेस्ट यूपी के जिलों में है। सबसे बड़ा डर कोरोना को लेकर है। यदि इनमें कोरोना से संक्रमित जमाती हैं तो वे सभी के लिए खतरा हैं। इसलिए ऐसे सभी लोगों को जो या तो जमाती हैं या जमाती से अलग लोग जो कहीं बाहर से आए हैं तो अपने आने की सूचना देकर मेडिकल जांच करा लें। लेकिन किसी भी जमाती या बाहर से आए व्यक्ति ने खुद पुलिस या स्वास्थ्य विभाग को सूचना नहीं दी।
पुलिस कर रही अपील- मस्जिदों में एकत्र होकर नमाज न पढ़ें
लॉ डाउन के 10वें दिन भी पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। एडीजी प्रशांत कुमार स्वयं शहर की व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। पुलिस जमातियों की तलाश में मस्जिदों में तलाशी अभियान चला रही है। बिना सूचना दिये जो बाहरी लोग मिल रहे हैं उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है। शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर पुलिस ने अपील की है कि कोई भी मस्जिदों में इकटठा होकर नमाज न पढ़े। यदि इसका उल्लंघन किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शहर के जरूरंतदों को पुलिस खाना उपलब्ध करा रही है। जो लोग बिना वजह लॉक डाउन में घर से बाहर सड़कों पर आ रहे हैं पुलिस उनके खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को जिले में कोई नया पॉजिटिव केस नहीं आया है। जो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उनका कोरोना वार्ड में इलाज किया जा है।