पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ में फंसे यूपी बिहार के 300 मजदूर शनिवार को पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए। अंधेरे में ही जिला मुख्यालय छोड़ देने वाले इन मजदूरों को घाट पुलिस ने रोक लिया। सूचना मिलने पर एसडीएम सदर घाट पहुंचे। उन्होंने मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की और मुख्यालय वापस लौटने का अनुरोध किया, लेकिन मजदूर अपने घर जाने की जिद पर अड़े रहे।
लॉक डाउन के बाद हजारों प्रवासी मजदूर जनपद के अलग-अलग हिस्से में फंसे हुए हैं, वाहनों की व्यवस्था नहीं होने से मजदूर जत्थों में पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं। शनिवार को बिहार और यूपी के 300 मजदूरों का एक जत्था अपने घरों के लिए पैदल ही रवाना हो गया। 30 किलोमीटर दूर घाट पहुंचे इन मजदूरों को चौकी प्रभारी किशोर पंत ने जत्थे में होने के चलते रोक लिया। इसकी सूचना उन्होंने प्रशासन को दी। सूचना मिलने पर एसडीएम सदर तुषार सैनी घाट पहुंचे। उन्होंने मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई। मजदूरों से वापस जिला मुख्यालय लौटने और उन्हें भोजन आवास आदि की पूरी व्यवस्था का भरोसा दिया गया, लेकिन मजदूर घर जाने की जिद पर अड़े रहे। समाचार लिखे जाने तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ। भोजन व्यवस्था में नगर के युवाओं ने सहयोग दिया।
संयुक्त मजिस्ट्रेट के भरोसे पर वापस लौटे बेरीनाग के 17 मजदूर गंगोलीहाट: बेरीनाग से अपने घरों के लिए रवाना हुए 17 मजदूरों को गंगोलीहाट संयुक्त मजिस्ट्रेट ने रू कवा लिया। 25 किमी. पैदल चलकर गंगोलीहाट पहुंचे। मजदूरों से संयुक्त मजिस्ट्रेट ने वार्ता की। मजदूरों ने काम नहीं होने के कारण भोजन और आवास किराए आदि की समस्या उनके सामने रखी। संयुक्त मजिस्ट्रेट ने कहा कि बेरीनाग में उनके भोजन आदि की व्यवस्था प्रशासन करेगा। उन्होंने भवन मालिकों से वार्ता की और भवन मालिकों ने किराया नहीं लेने का भरोसा दिया। इस भरोसे के बाद मजदूर वापस बेरीनाग लौट गए। वापस किए जाने से पूर्व मजदूरों को गंगोलीहाट में भोजन कराया गया।