केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से माफ़ी मांग ली है. गुना में विकास पर्व कार्यक्रम में सिंधिया को ना तो आमंत्रित किया गया था और ना ही शिलापट्टिका पर उनका नाम लिखा था. इस पर सिंधिया ने लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था.
गुरुवार को सदन में प्रश्नकाल के बाद गुना से कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्या सिंधिया ने विशेषाधिकार के तहत यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को ग्वालियर-शिवपुरी-देवास राजमार्ग के विस्तार कार्यक्रम में स्थानीय सांसद होने के नाते उन्हें आमंत्रित किया जाना चाहिए था. सिंधिया ने आरोप लगाया कि पहले जो शिलापट्टिका तैयार की गयी थी, उस पर उनका नाम था. लेकिन बाद में उस शिलापट्टिका को तोड़कर दूसरी शिलापट्टिका तैयार की गयी. उसमें से उनका नाम हटा दिया गया था.
गुना में हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ खुद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था. गडकरी ने लोकसभा में स्वीकार किया कि उनके विभाग की स्थानीय इकाई से ये गलती हुई है.
नितिन गडकरी ने कहा कि इस ग़लती का पता चलते ही उन्होंने ज़िलाधिकारी से इस विषय में पूछा तो पता चला कि स्थानीय सांसद को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया. गडकरी ने माना कि इसके बावजूद सांसद की अनुपस्थिति में भी शिलापट्टिका पर उनका नाम होना चाहिए था. दूसरी ओर ग्वालियर के सांसद और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आरोप लगाया कि UPA सरकार के समय भी ऐसा होता रहा है.