यरूशलम: बढ़ते तनाव के बीच इजरायल ने (सोमवार) 7 मई को को तावनी दी कि अगर सीरिया अपनी धरती का इस्तेमाल ईरान को करने देना जारी रखता है तो वह सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का ‘‘खात्मा’’ कर देगा. इजरायल ईरान को अपना सबसे खतरनाक शत्रु मानता है और उसने उसे परमाणु बम बनाने या सीरिया में स्थायी उपस्थिति दर्ज कराने से रोकने के लिए लगातार प्रतिबद्धता जताई है. ऊर्जा मंत्री युवल स्टेनित्ज ने समाचार पोर्टल वाईनेट को साक्षात्कार में कहा, ‘‘अगर (सीरिया के राष्ट्रपति बशर) असद ईरान को सीरिया की धरती से काम करते रहने देते हैं तो इजरायल उनको खत्म कर देगा और उनका शासन समाप्त कर देगा.’’
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी सहयोगी स्टेनित्ज ने कहा, ‘‘अगर असद सीरिया को हमारे खिलाफ ईरान का अग्रिम मोर्चा बनने देते हैं. हमारे ऊपर सीरिया की धरती से हमला होने देते हैं तो उन्हें जानना चाहिए कि यह उनका खात्मा होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अस्वीकार्य है कि असद अपने महल में बैठे रहें और अपनी सरकार चलाते रहें जबकि सीरिया को इजरायल के खिलाफ हमले का ठिकाना बनने दें.’’
इजराइल: संसद ने PM को दिया युद्ध की घोषणा का अधिकार
इजराइली संसद ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी है जिसके चलते ‘‘असाधारण परिस्थितियों ’’ में पूर्ण कैबिनेट की मंजूरी के बिना युद्ध की घोषणा का अधिकार पूरी तरह देश के प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को मिल जाएगा. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जहां सीधे टीवी प्रसारण में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में खुफिया जानकारी दर्शाने वाला प्रस्तुतीकरण दिया, वहीं उनके गठबंधन ने सैन्य अभियानों का आदेश देने के वास्ते उनके अधिकारों को विस्तारित करने के लिए सोमवार को चुपके से संबंधित विधेयक पेश कर दिया.
विधेयक ऐसे समय लाया गया जब सीरिया में ईरान की संलिप्तता को लेकर इजराइल का उसके साथ तनाव चरम पर है. ऐसे समय मंजूरी दी गई जब माना जाता है कि इजराइली लड़ाकू विमानों द्वारा एक सीरियाई सैन्य प्रतिष्ठान पर किए गए हमले को 24 घंटे भी नहीं बीते हैं. इस हमले में सरकार समर्थक 26 लड़ाके मारे गए, जिनमें से अधिकतर ईरानी थे. माना जाता है कि इजराइल ने हाल के महीनों में सीरिया में ईरानी ठिकानों पर कई हमले किए हैं. इजराइली अधिकारी आम तौर पर ऐसी खबरों की न तो पुष्टि करते हैं और न ही खंडन करते हैं.