पीसीएस से आईएएस में प्रमोट हुए अफसरों में असंतोष चरम तक बढ़ गया है. तरजीह न मिलने से आक्रोशित प्रमोटी आईएएस अफसरों के प्रतिनिधिमण्डल ने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात की.
उत्तराखण्ड की नौकरशाही में लम्बे समय से सुलग रही आग अब सतह पर आ गई है. पीसीएस से IAS में प्रमोट हुए अफसर अपनी उपेक्षा से त्रस्त होकर अब बगावत के मूड में आ गए हैं. इसी छटपटाहट में उनके एक दल ने न सिर्फ सीएम त्रिवेन्द्र से मिलकर अपनी पीड़ा बयां की बल्कि IAS एसोसिएशन के सामने भी अपना गुस्सा ज़ाहिर किया. आक्रोशित अफसरों ने कहा कि यदि उनके हितों की रक्षा नहीं की जा सकेगी तो वे अलग संघ बनाएंगे और अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे.
सीएम से मिलने गए प्रतिनिधिमण्डल में शामिल एक अफसर ने बताया कि सीएम त्रिवेन्द्र ने उन्हें गम्भीरता से सुना. सीएम से मुलाकात के दौरान प्रमोटी IAS अफसरों ने शासन के कुछ IAS अधिकारियों द्वारा उनकी छवि खराब किए जाने की बात बताई.
इतना ही नहीं उन्होंने सीएम से यह भी कहा कि प्रमोटी IAS अफसरों को अक्षम और भ्रष्ट प्रचारित किया जाता है. यही वजह है कि उन्हें कोई अहम तैनाती नहीं दी जा रही है. प्रतिनिधिमण्डल ने यूपी की योगी सरकार का उदाहरण देते हुए सीएम त्रिवेन्द्र से कहा कि यूपी के 75 जिलों में से 45 जिलों में प्रमोटी IAS अफसर डीएम के पद पर तैनात हैं जबकि उत्तराखण्ड में महज दो ज़िले नैनीताल और पौड़ी में ही तैनाती है.
प्रतिनिधिमण्डल के सूत्र ने बताया, “सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि अफ़सर डायरेक्ट IAS है या फिर प्रमोटी. सीएम ने इस मसले पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है.”
बता दें कि सीएम त्रिवेन्द्र से मिलने के बाद प्रमोटी IAS अफसरों का दल IAS एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर रणवीर सिंह और महासचिव आनंद बर्द्धन से भी मिला. इस मामले को लेकर एसीएस डॉक्टर रणवीर सिंह ने कहा, प्रमोटी IAS अफसरों की मांग पर 13 अप्रैल को एक्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग बुलाई गई है. इसमें विनय शंकर पांडेय, कैप्टन आलोक शेखर तिवारी और हरबंस सिंह चुघ प्रमोटी IAS अफसरों की ओर से शामिल होंगे.
बता दें कि उत्तराखण्ड में लगभग 25 IAS ऐसे हैं जो पीसीएस से प्रमोट हुए हैं. इनमें से ज्यादातर अफ़सर आज की मीटिंग में मौजूद रहे.