Thursday, July 10, 2025
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HNB गढ़वाल विश्वविद्यालय से THDC बोला 21 करोड़ दो, जमींन लो

नई टिहरी में स्थित गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाहीथौल में स्थापित हुए 26 साल से ज़्यादा का समय हो गया है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि आज तक परिसर की भूमि विश्वविद्यालय के नाम पर दर्ज नहीं हो पाई है। यह ज़मीन अभी भी टिहरी जल विकास निगम (टीएचडीसी) के स्वामित्व में है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगातार अनुरोध किए जाने के बाद, अब टीएचडीसी ने साफ़ कर दिया है कि जब तक ₹21 करोड़ की बकाया राशि जमा नहीं की जाती, तब तक भूमि का हस्तांतरण संभव नहीं है।

यह मामला वर्ष 1998 का है, जब पुरानी टिहरी बांध परियोजना के कारण टिहरी शहर डूब गया था। उसी दौरान, विश्वविद्यालय के स्वामी रामतीर्थ परिसर को स्थानांतरित कर बादशाहीथौल में बसाया गया था। इस नए परिसर का निर्माण 7.5 हेक्टेयर भूमि पर टीएचडीसी और टिहरी बांध परियोजना ने मिलकर किया था। वर्तमान में, परिसर में छात्रों और शिक्षकों के लिए सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जिनमें छात्रावास, शिक्षक आवास, एक समृद्ध पुस्तकालय और खेल का मैदान शामिल हैं। लगभग 300 छात्र-छात्राएँ यहाँ विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं।

भूमि के स्वामित्व का यह पेचीदा मुद्दा विश्वविद्यालय के विकास और भविष्य की योजनाओं पर सीधा असर डाल रहा है। जब तक भूमि का हस्तांतरण नहीं हो जाता, विश्वविद्यालय को कई प्रशासनिक और वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ₹21 करोड़ की यह बड़ी राशि कैसे और कब तक जमा की जाएगी, यह देखने वाली बात होगी। इस स्थिति से परिसर में पढ़ रहे छात्रों और कार्यरत शिक्षकों के मन में भी अनिश्चितता का माहौल है। यह ज़रूरी है कि सरकार, विश्वविद्यालय प्रशासन और टीएचडीसी मिलकर इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालें, ताकि स्वामी रामतीर्थ परिसर अपने पूर्ण सामर्थ्य के साथ कार्य कर सके और छात्रों को बेहतर शिक्षा का वातावरण मिल सके।

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