उन्नाव। बात चाहे केन्द्र सरकार की हो या फिर राज्य सरकारों की स्वास्थ्य के को लेकर भले ही कितनी ही योजनाए बनाई जांए लेकिन जमीनी हकीकत सबकी शुन्य से नीचे है। उत्तर प्रदेश सरकार के नाक तले 46 लोगों एचआईवी संक्रमन के शिकार हो गए, और सरकार को ख़बर तक नहीं हुई।
उन्नाव जिले के बांगरमऊ में पिछले 10 महीने में एक झोलाछाप डाक्टर ने एक ही सीरिंज से इंजेक्शन लगाकर कम से कम 46 लोगों को एचआईवी संक्रमित कर दिया। झोलाछाप डाक्टर इस घटना के प्रकाश में आने के बाद से फरार है। पुलिस उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एस पी चैधरी ने बताया, केवल बांगरमऊ तहसील में अप्रैल से जुलाई तक हुए सामान्य परीक्षण में 12 एचआईवी संक्रमित मामले सामने आये। नवंबर 2017 में दूसरे परीक्षण के दौरान 13 और नये एचआईवी के मामले मिले।
उन्होंने कहा, इतनी बडी संख्या में मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दो सदस्यीय समिति गठित की, जिसने बांगरमऊ के विभिन्न इलाकों में जाकर जांच की और इसके कारणों को जानने की कोशिश की। चैधरी ने बताया कि समिति ने बांगरमऊ के प्रेमगंज और चकमीरपुर इलाकों का दौरा किया और बांगरमऊ के तीन स्थानों पर 24, 25 और 27 जनवरी को जांच शिविर लगाये। इसके बाद समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी।
मुख्य चिकित्साध्किारी ने बताया कि इन जांच शिविरों में 566 लोगों का परीक्षण किया गया, जिनमें 21 लोग एचआईवी संक्रमित पाये गये। इन्हें मिलाकर केवल बांगरमऊ तहसील में ही 46 लोग एचआईवी संक्रमित पाये गये। उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि झोलाछाप डाक्टर राजेंद्र कुमार पास के गांव में रहता है और उसने सस्ते इलाज के नाम पर एक ही सीरिंज से लोगों को इंजेक्शन लगाये। इसी कारण इस इलाके में इतनी अधिक संख्या में एचआईवी के रोगी सामने आये।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इस झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ बांगरमऊ थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। इन सभी एचआईवी संक्रमित लोगों को कानपुर के एआरटी (एन्टी रिट्रोवायरल थेरेपी) केंद्र भेजा गया है। उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के मुताबिक 15 से 19 वर्ष के लोगों में एचआईवी का आंकडा 0. 12 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में 15 वर्ष से अधिक उम्र वालों की एचआईवी संक्रमण के नये मामलों की वार्षिक संख्या 9474 है।
इस बीच उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि ने बताया कि झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पीटीआई भाषा से कहा, स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने से यह एचआईवी के मामले सामने आये है। हम मामले की जांच करवा रहे है कि आखिर एक झोलाछाप डाक्टर की वजह से कैसे इतने लोग एचआईवी संक्रमित हो गये।