सफाई कर्मी नाला नाली साफ करते हैं उसके अंदर से निकलने वाली गंदगी को सड़कों पर निकाल कर बाहर रास्ते पर रखते गए हैं जिससे कि मच्छर मखिया सूअर कुत्ते उस गंदगी को सड़कों पर बिखेरते जा रहे हैं। आने जाने वाले राहगीरों को और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सड़े गले कूड़े कचरे सड़कों पर आने की वजह से रोगों को बुलावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ स्वच्छता अभियान के बजट को पलीता लगा रहे जिम्मेदार।
आज की राजधानी गंदगी और कूड़े का ढेर मच्छर मक्खियों का आशियाना और केमिकल पोलूटेड एयर से भरा पड़ा है जहां एक ओर केंद्र सरकार स्वच्छता अभियान को एक मिशन के रूप में लेते हुए अरबों रुपये खर्च करने के लिए राज्य सरकारों को बजट दे चुकी है। वहीं स्वच्छता मिशन के जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के कारण स्वच्छता मिशन लोगों को जागरूक करने में विफल हो चुका है।
राजधानी में सफाई व्यवस्था का टेंडर तो ठेकेदारों के लिए करोड़ों रूपए कमाने का ज़रिया बन चुका है इसके बाद भी गली मोहल्ले मैं मच्छर मक्खियों गंदगी कूड़ेदानो के बाहर तक बच्चे बीमारियों के नजदीक शहर का आबोहवा इतना जहरीला हो गया है की अस्थमा पीलिया डेंगू चिकनगुनिया मलेरिया जैसे रोगों का भंडार राजधानी की गलियां बंन चुकी है।
शायद ही कोई ऐसी गली हो जहां मच्छरों काला रवाना पनप रहा हो नगर निगम के सफ़ाई कर्मियों द्वारा घोर लापरवाही बरतने की पुरानी परंपरा के चलते लोगों का जीना मुहाल हो चुका है, ऐसा लोगों का आरोप है कि राजधानी के मोहल्लों में सफाई कर्मचारी के ना पहुंचने से कई दिनों से कूड़े के ढेर जमा होने के चलते बदबू फैली रही है। गर्मी का दिन ऊपर से मच्छर मक्खियों का तांडव भी इनके साथ साथ बढ़ता जा रहा है।