कानपुर: फर्जी आईएएस बन एक गैंग ने शहर के कारोबारियों को करोड़ों रुपये की चपत लगा दी। माध्यमिक शिक्षा परिषद में जूते और मोजे का वर्क ऑर्डर दिलाने के नाम पर ठगी की गई। सामान की आपूर्ति होने के बाद भुगतान फंसा तो इस जालसाजी का खुलासा हुआ। चकेरी थाने में फर्जी आईएएस समेत 7 पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने दो को गिरफ्तार कर लिया। शेष की तलाश को एक टीम लखनऊ रवाना की गई है।
जाजमऊ में फैसल आफताब लारी की अल बासित एक्जिम और गौरव राजपूत की राजपूत कंस्ट्रक्शन के नाम से विश्वबैंक बर्रा में फर्म है। दोनों फर्म में अजय गुप्ता पार्टनर हैं। अजय के मुताबिक गोविंदनगर निवासी उनके एक दोस्त की चावला मार्केट स्थित दुकान में गंगागंज पनकी के राकेश सिंह ने शेयर ट्रेडिंग का दफ्तर खोला था। जिससे उनकी भी दोस्ती हो गई। राकेश ने स्कूलों में जूते-मोजे, बैग और स्वेटर सप्लाई का ठेका दिलाने का झांसा दिया। इस दौरान राकेश ने यूपीएसआईडीसी में डिप्टी मैनेजर बताने वाले सचिन सिंह से मिलाया। उसकी बातों में आकर अप्रैल 2017 में अजय अपने पार्टनर्स संग स्कूली सामग्री सप्लाई करने को तैयार हो गए। इसपर राकेश ने रायपुरवा देवनगर निवासी आशीष यादव से लखनऊ में मुलाकात कराई।
आशीष ने खुद को आईएएस बताते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में पंजीकरण व वर्क ऑर्डर दिलाने के नाम पर उनसे 60 लाख रुपये लिए। इसके बाद उन्हें लखनऊ के जवाहर भवन में 15.81 करोड़ का वर्क ऑर्डर दिलाया। फर्म संचालकों ने 3.81 करोड़ कीमत के जूते व मोजे सप्लाई कर दिए। भुगतान फंसा तो कारोबारियों को बेचैनी हुई। विभाग में पता किया तो पूरा मामला फर्जी निकला। रविवार को चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने राकेश सिंह, आशीष यादव को दबोच लिया।