अहमदाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) बैंक में नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में पुराने नोट जमा होने की खबरों के बीच नाबार्ड ने शुक्रवार कहा कि नोटों की मात्रा बैंक के आकार के हिसाब से ठीक है और बैंक ने ‘ग्राहक को जानें’ संबंधी सभी प्रावधानों का पालन भी किया। सहकारी बैंकों के विनियामक राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की यह सफाई ऐसे समय में आयी है जब अहमदाबाद डीसीसीबी में नोटबंदी के दौरान असामान्य रूप से भारी मात्रा में पुराने नोट जमा होने की खबरें सामने आयी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह इस बैंक के निदेशक हैं।
नाबार्ड ने बयान में कहा , ”हमदाबाद डीसीसीबी के कुल 17 लाख खातों में से महज 1.60 लाख खातों में पुराने नोट जमा किये गये या बदले गये जो सभी जमा खातों का महज 9.37 प्रतिशत है।” इन खातों के 98.94 प्रतिशत खातों में 2.5 लाख रुपये से कम राशि जमा करायी गयी। नाबार्ड द्वारा किये गये सत्यापन में पता चला कि अकमदाबाद डीसीसीबी में औसतन 46,795 रुपये प्रति खाता पुराने नोट जमा कराये गये जो गुजरात के 18 डीसीसीबी में जामा नोटों के औसत से कम है। नाबार्ड ने कहा कि 10-14 नवंबर 2016 के दौरान 1.60 लाख उपभोक्ताओं ने बैंक में 746 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराये या बदले जो कि बैंक के कुल जमा का महज 15 प्रतिशत है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया था कि नोटबंदी के समय अहमदाबाद के उस सहकारी बैंक में पांच दिनों के भीतर करीब 746 करोड़ रुपये जमा कराए गए जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह निदेशक हैं। पार्टी ने इस मामले में निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की मांग भी की। कांग्रेस के दावे के बाद सहकारी बैंकों के विनियामक राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बयान जारी कर सफाई दी है। पार्टी ने यह भी दावा किया कि नोटबंदी के दौरान कुछ दिनों के भीतर गुजरात के कई सहकारी बैंकों में हजारों करोड़ रुपये जमा कराए गए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मामले को लेकर अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ”अमित शाहजी बधाई! सबसे ज्यादा नोट बदलने के मामले में आपकी बैंक को पहला स्थान मिला। नोटबंदी से लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई, उपलब्धि के लिए बधाई।” कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ‘आरटीआई आवेदनों से मिले जवाब के कागजात’ पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को जवाब देना चाहिए कि नोटबंदी के समय भाजपा और आरएसएस ने कितनी संपत्तियां खरीदीं और उनकी कुल क्या कीमत है?
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से आरोप लगाया, “7 मई, 2018 को दिए गए एक आरटीआई जवाब में चौंकानेवाला खुलासा हुआ कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) में 10 नवंबर, 2016 से 14 नवंबर, 2016 के बीच 5 दिनों में 745.58 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराए गए। इस बैंक के निदेशक अमित शाह और उनके निकटतम सहयोगी हैं। अमित शाह इससे पूर्व इसी बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।”
उन्होंने कहा कि इसकी निष्पक्ष और समयबद्ध जांच होनी चाहिए।सुरजेवाला ने दावा किया कि गुजरात में भाजपा नेताओं द्वारा संचालित 11 बैंकों में पांच दिन के भीतर 3118 करोड़ रुपये से अधिक जमा कराए गए। सुरजेवाला ने कहा, ”क्या प्रधानमंत्री इन मामलों की निष्पक्ष जांच कराएंगे?” उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस पर जवाब देंगे।