नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एनबीसीसी के खिलाफ अदालती अवमानना कार्यवाही करने का आग्रह किया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनबीसीसी ने आवासीय परियोजना के लिए चार जुलाई तक पेड़ नहीं काटने का हलफनामा दिया था, जिसका वह कथित तौर पर उल्लंघन कर रहा है. न्यायमूर्ति विनोद गोयल और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष अवमानना याचिका का उल्लेख किया गया. पीठ ने कहा कि इस पर चार जुलाई को मुख्य याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी.
पर्यावरणविद विमलेंदु झा ने अवमानना याचिका दायर की है
मुख्य याचिका में परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दिए गए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) और पर्यावरणीय मंजूरी को खारिज करने का अनुरोध करते हुए दावा किया गया है कि इससे 16500 से ज्यादा पेड़ों की कटाई करनी होगी. पर्यावरणविद विमलेंदु झा ने अवमानना याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि 25 जून को अदालत में दिए गए हलफनामे की राष्ट्रीय भवन एवं निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने जानबूझकर अवहेलना की.
एनबीसीसी दक्षिण दिल्ली की आधा दर्जन कॉलोनियां का पुनर्विकास कर रहा है. इसमें कहा गया है कि 25 जून के आदेश के मुताबिक कथित रूप से अवमानना करने वाले (एनबीसीसी सीएमडी) ने हलफनामा दिया था कि इलाके में चार जुलाई तक पेड़ों की कटाई नहीं की जाएगी लेकिन झा ने कल देखा कि एनबीसीसी के अधिकारी और कामगार दक्षिण दिल्ली के नेताजी नगर में पेड़ों की कटाई कर रहे हैं.
16,500 पेड़ों पर फिलहाल नहीं चलेगी आरी, हाईकोर्ट ने 4 जुलाई तक लगाई रोक
नेशनल बिल्डिंग्स कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (इंडिया) लिमिटेड ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि दक्षिण दिल्ली में कॉलोनियों के विकास के क्रम में वह चार जुलाई तक किसी पेड़ की कटाई नहीं करेगा. न्यायमूर्ति विनोद गोयल और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की अवकाशकालीन पीठ ने जब कहा कि वह पेड़ों की कटाई पर अंतरिम रोक लगा देंगी तो नेशनल बिल्डिंग्स कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (इंडिया) लिमिटेड (एनबीसीसी) ने चार जुलाई तक पेड़ नहीं काटने का उसे आश्वासन दिया. हाईकोर्ट ने दक्षिण दिल्ली की छह कालोनियों के पुन : विकास के क्रम में एनबीसीसी और सीपीडब्ल्यूडी द्वारा पेड़ों की कटाई के लिये केन्द्र से मिली मंजूरी को स्थगित रखने से 22 जून को इनकार कर दिया था.
हड्डियों के एक सर्जन डॉक्टर कौशल मिश्र ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका में कहा था कि इस क्रम में 16,500 से ज्यादा पेड़ों को काटना पड़ेगा. याचिका में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा परियोजना के लिये दी गयी पर्यावरण मंजूरी और कार्य शर्तो को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है, जिन कालोनियों में पेड़ों की कटाई होगी वे हैं. सरोजनी नगर, नौरोजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तुरबा नगर.