लखनऊ: कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी इससे बचाव के हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश में अभी भी 50 फीसदी जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंच पाया हैं. अभी तक यूपी के 38 जिले में कोरोना से संक्रमित मरीज (Corona Infected Patients) सामने आए हैं. वहीं सूबे के 37 जिले अभी भी ऐसे हैं, जहां कोरोना का एक भी केस पिछले 2 महीने में सामने नहीं आया है. कोरोना संक्रमण से बचे हुए जिलों को सुरक्षित रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. यूपी सरकार द्वारा उठाए गए इन्हीं कदमों में एक कदम 15 जिलों को पूरी तरह से लॉक करना भी शामिल है.
इन दो मंडलों के हर जिले में मिला कोरोन संक्रमित
18 मंडलों वाले पूरे उत्तर प्रदेश में बरेली और मेरठ दो ऐसे मंडल हैं, जहां के सभी जिलों में कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या सामने आ चुकी है. मेरठ मंडल के जिले मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा और बागपत इन सभी जिलों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या सामने आ चुकी है. इसी तरह बरेली मंडल के जिले बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर में कोरोना के केस पाए गए हैं.
दो मंडलों के किसी भी जिले में कोरोना नहीं
बाकी के बचे 16 मंडलों में से 2 मंडल ऐसे हैं जो बिल्कुल भी करोना से अछूते हैं. यानी, पिछले 2 महीने में अभी तक एक भी केस सामने नही आया है. झांसी और देवीपाटन मंडल भी ऐसे ही हैं, जिनके किसी भी जिले में कोरोना का एक भी केस सामने नहीं सामने नहीं आया है. झांसी मंडल के झांसी, जालौन और ललितपुर जिले अभी तक कोरोना से बचे हुए हैं. इसी तरह, देवीपाटन मंडल के गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर में एक भी कोरोना का केस सामने नहीं आया है.
देवीपाटन मंडल में नहीं मिला एक भी कोरोना संक्रमित
न्यूज़ 18 से देवीपाटन मंडल के कमिश्नर महेंद्र कुमार ने बताया कि इसे ऊपर वाले की मेहरबानी कही जा सकती है. साथ ही, अफसरों की मेहनत के साथ-साथ शासन स्तर पर जो प्रयास किए जा रहे हैं, उससे भी यह परिणाम सामने आया है. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार के सभी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है. इसके अलावा, अच्छी बात यह भी रही कि मंडल के सभी चारों जिलों में तब्लीगी जमात का एक भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं पाया गया. इन सभी वजहों के कारण ही देवीपाटन मंडल कोरोना से अछूता है. उम्मीद की जानी चाहिए कि आगे भी अछूता रहेगा.
लखनऊ मंडल का उन्नाव जिले कैसे रहा सेफ
लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और लखीमपुर खीरी जिले में कोरोना वायरस के केस आ चुके हैं. लखनऊ मंडल के अंतर्गत उन्नाव ही इकलौता ऐसा जिला है, जहां एक भी केस अभी तक सामने नहीं आया है. उन्नाव के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पूरे देश में लॉकडाउन होने से पहले ही उन्होंने स्थितियों को भांपते हुए व्यापारियों से बातचीत करके बाजार बंद करा दिया था. हर घर तक सामान पहुंचाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई थी. किसी को भी बाहर निकलने की कोई इजाजत नहीं दी गई थी. कुछ मेडिकल स्टोर्स के अलावा जिले के सभी जरूरी सामानों के दुकान भी बंद करा दिए गए थे. डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि तब्लीकी जमात के दो-तीन लोग उन्नाव में सामने आए थे, लेकिन उनके टेस्ट निगेटिव रहे.
जिलों के बचे रहने पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके सीनियर आईएएस और लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया कि संक्रमण को फैलने और न फैलने के दो तीन महत्वपूर्ण कारक सामने आए है. पहला तो यह कि जिन जिलों में विदेशों से लोग यात्रा करके आए, वहां केस पाए जा रहे हैं. इसके अलावा, जिन जिलों का ज्यादा शहरीकरण हुआ है, वहां भी केस पाए जा रहे हैं. तब्लीकी जमात के लोगों की वजह से भी यूपी में जिलों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे लॉकडाउन की समयावधि बढ़ती जाएगी, संक्रमितों की संख्या में कमी की उम्मीद की जा सकती है.
ये जिले हैं अभी तक कोरोना से अछूते
मैनपुरी, कासगंज, एटा, अलीगढ़, बलिया, मऊ, फतेहपुर, कानपुर देहात, इटावा, फर्रूखाबाद, कन्नौज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, झांसी, जालौन, ललितपुर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, अमेठी, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर, भदोही, सोनभद्र, संभल, अमरोहा, उन्नाव, चंदौली और मुजफ्फरनगर.