नई दिल्ली : कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना संकट की मार झेल रही अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने की जरूरत है. इसके लिए उन्हें देश की जीडीपी की पांच से छह फीसदी राशि के बराबर आर्थिक पैकेज की घोषणा करने का साहस दिखाना चाहिए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सरकार से आग्रह किया कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए. प्रथम चरण में कुछ आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत हो. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को पुनर्जीवित किया जाए. एमएसएमई को बिना ब्याज के कर्ज देना होगा. इस क्षेत्र के लिए एक कोष की स्थापना होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘आम जरूरत की वस्तुओं के उत्पादन के लिए नीति बनाने की आवश्यकता है क्योंकि अगर सामान बनेगा नहीं, तो दुकानों में कहां से आएगा. इसके साथ परिवहन की समस्या का भी समाधान करना होगा.’
किसानों को राहत देने की पैरवी करते हुए शर्मा ने कहा कि गेहूं- सरसों की फसलों की कटाई का समय है इसलिए किसानों की फसल की खरीद सुनिश्चित होना जरूरी है। इसके लिए विकेंद्रित व्यवहार का होना जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठनों की रिपोर्ट आई है कि भारत में 40 करोड़ मजदूर गरीबी रेखा से नीचे चले जाएंगे. कदम उठाना बहुत जरूरी है ताकि इस स्थिति से बचा जा सके. असाधारण समय में असाधारण फैसलों की आवश्यकता है.’
शर्मा ने कहा, ‘सरकार ने जो पैकेज दिया है वो बहुत कम है। हम उम्मीद करते हैं कि पैकेज का पार्ट-2 आना चहिए.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जीडीपी की पांच से छह फीसदी राशि के बराबर आर्थिक पैकेज की घोषणा करने का साहस दिखाना चाहिए. मौजूदा समय में भारत की जीडीपी करीब 3000 हजार अरब डॉलर की है.
कांग्रेस नेता ने सीएसआर के संदर्भ में कहा, ‘केंद्र सरकार को राज्यों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए गए दान को सीएसआर नहीं माना जाना भेदभावपूर्ण है. ऐसा नहीं होना चाहिए.’