उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के किसी प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी कराने जाना चाहते हैं तो सावधान हो जाइए. हमारी यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि देहरादून के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में बीते गुरूवार को एक नवजात को बदले जाने और गायब करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. देहरादून के एक प्राइवेट नर्सिंग होम एक परिवार ने नवजात को बदले जाने और गायब करने के कई गंभीर आरोप लगाए है.
दून के विजय पार्क निवासी गौरव आहुजा ने वैश्य नर्सिंग होम की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए लापरवाही के कई गंभीर आरोप लगाए हैं. गौरव के मुताबिक उनके बच्चे के इलाज को लेकर नर्सिंग होम के स्टाफ ने गुमराह किया है. दरअसल आठ जुलाई को दून के चैतन्य नर्सिंग होम में नवजात पैदा हुआ था जिसका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते नवजात को वैश्य नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां पर उसकी मृत्यु हो गई. इस दौरान नवजात के परिजनों पर नर्सिंग होम की तरफ से कई तरह के दबाव बनाए गया. यहां तक कि मृत नवजात को दफनाने के लिए भी नर्सिंग होम ने अपना स्वीपर साथ भेजने के लिए परिजनों को मजबूर किया.
नवजात के पिता गौरव आहुजा ने नर्सिंग होम पर आरोप लगाते हुए अस्पताल की रिपोर्ट को भी गड़बड़ बताया. गौरतलब है कि बच्चे को चैतन्य नर्सिंग होम से वैश्य नर्सिंग में शिफ्ट किया गया, लेकिन जब नवजात के परिजनों ने जानना चाहा तो उन्हें गुमराह कर फीमेल को मेल बता दिया गया यानी चैतन्य नर्सिंग होम की रिपोर्ट में नवजात को फीमेल बताया गया जबकि वैश्य नर्सिंग होम की रिपोर्ट में नवजात को मेल बताया गया. यह मामला पुलिस तक पहुंच चुका है और अब नवजात के जन्म से और मृत्यु तक इस मिस्ट्री में पुलिस ने अब सीसीटीवी फुटेज भी खंगालना शुरू कर दिए हैं.