देहरादून। राजधानी दून से अतिक्रमण हटाने को लेकर उच्च न्यायालय ने शासन-प्रशासन को 4 हफ़्तों का समय दिया था, जो कि अब समाप्त होने की कगार पर है। बता दें कि हाई कोर्ट की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर दी गई समय सीमा 26 जुलाई को समाप्त हो रही है। ऐसे में दून नगर निगम ने साल 2005 की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर 11000 अवैध भूमि धारकों को नोटिस जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक अबतक करीब 2100 लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है। जिन्हें नोटिस जारी किया गया है, उनमें मलिन बस्ती वासियों के साथ कई अन्य होटल व्यापारी भी शामिल हैं, जो बीते कई सालों से सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किए हुए थे।
बता दें कि नगर निगम की ओर से 3 हफ़्तों का नोटिस भेजा गया है। यदि किसी भी व्यक्ति को इस नोटिस से कोई आपत्ति है तो वो अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है, जिसपर निगम प्रशासन की सुनवाई के बाद ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
मुख्य नगर आयुक्त ने बताया कि साल 2005 की शासन की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर चिन्हित अतिक्रमण के खिलाफ 3 हफ्ते का नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस पर यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वो व्यक्ति अपने प्रमाणित दस्तावेजों के साथ आपत्ति दर्ज करा सकता है। ऐसे में यदि ये आपत्तियां सही पाई जाती है तो कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। लेकिन यदि दर्ज आपत्ति सही नहीं होती तो निगम प्रशासन की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जायेगी।
बता दें कि इस बार जो नोटिस लोगों को भेजे जा रहे हैं वो साल 2005- 06 में शासन द्वारा किये गए सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हैं। ऐसे में साल 2005- 06 के बाद शहर में हुए अतिक्रमण को लेकर मुख्य नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि नए अतिक्रमण चिन्हित करने के लिए कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा जायेगा।