बैंगलोर के एक क्लब में बने बैडमिंटन कोर्ट के लॉकर से तकरीबन साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है. इसमें 500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के पेपर, 7.8 करोड़ रुपए के हीरे-जेवरात और 5.7 करोड़ रुपए की नकदी शामिल है. आरोप है कि ये सारा माल है एक रियल एस्टेट बिजनेसमैन अविनाश अमरलाल कुकरेजा का. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन चीज़ों को जब्त कर लिया है.
पूरा मामला जानिए
45 साल के अविनाश एक बिजनेसमैन हैं. बेसिकली राजस्थान से आते हैं, लेकिन पिछले काफी समय से परिवार समेत बेंगलुरु में हैं. बिल्डिंगें वगैरह बनवाने का काम करते हैं. कई मशहूर बिल्डिंग ग्रुप्स में इनके शेयर हैं. अपना सारा बिजनेस वो यहीं से ऑपरेट करते हैं. बेंगलुरु के सेंट मार्क्स रोड पर बॉरिंग इंस्टिट्यूट नाम का एक क्लब है. शहर के रईस क्लबों में गिना जाता है. अविनाश का परिवार साल 1993 से इसका सदस्य है. उनकी मम्मी अपनी सहेलियों के साथ पत्ते खेलने वहां जाया करती थीं. लिहाज़ा अविनाश का भी वहां खूब आना-जाना होता था. इसी क्लब में ये सारी संपत्ति मिली है.
पर्दाफाश कैसे हुआ?
उस क्लब में सदस्यों के खेलने-कूदने के लिए अच्छी-खासी व्यवस्था थी. बैडमिंटन से लेकर बिलियर्ड तक. लेकिन अविनाश ने कुछ अलग ही खेल खेला. हर गेम वाले इलाके में कुछ लॉकर्स बने थे, जिसका मकसद ये था कि खेलते समय आप अपनी कीमती चीज़ें या कपड़े वहां रख सकें. कुछ लॉकर्स तो खुलते रहते थे, लेकिन कुछ काफी लंबे समय से बंद पड़े थे. क्लब मैनेजमेंट ने कई बार लोगों से उन लॉकर्स को खोलने की गुज़ारिश की, लेकिन किसी की कान पर जूं न रेंगती देख खुद ही लॉकरों को खोलने का बीड़ा उठाया.
13 जुलाई, शुक्रवार को सुबह काम शुरू हुआ. बिलियर्ड वाले इलाके के लॉकर से. उस लॉकर में कुछ खास चीज़ें नहीं थीं. एक-एक करके कुल 126 लॉकर खोल दिए गए मगर कुछ खास नहीं मिला. पर फिर इस काम में लगा दस्ता दोपहर तकरीबन डेढ़ बजे पहुंचा बैडमिंटन कोर्ट इलाके में. यहां के तीन लॉकर्स- 69, 71 और 78 से कुछ छह डफल बैग निकले. पता चला कि ये तीनों लॉकर्स अविनाश के नाम पर थे, वो भी फर्ज़ी तरीके से. ये सारे बैग्स पैसे, कागज़ और सोने-हीरो से भरे हुए थे. खोजी दस्ता सन्न रह गया. मामला उनके हाथ से बाहर का था, इसलिए क्लब के सेक्रेटरी श्रीकांत को इत्तिला की गई. सेक्रेटरी साहब ने कहा ये सारी चीज़ें उनके चैंबर में रखकर ताला लगा दिया जाए, वो आकर देखेंगे.
14 जुलाई को इस बात की जानकारी श्रीकांत ने इलाके के डीसीपी चंद्रगुप्त को दी. उनके आदेश पर कबन पार्क पुलिस स्टेशन से इंस्पेक्टर अजय रेड्डी बैग्स और मामले की जांच के लिए क्लब पहुंचे. उनके सामने बैग खुले तो वो भी दंग रह गए. मामले की जानकारी फिर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दी गई. उसके अधिकारी पहुंचे और वो सारे बैग सील कर दिए. मामले की जांच शुरू हो गई है. हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी की बात सामने नहीं आई है.